डेनमार्क जनमत संग्रह : यूरोपीय संघ की साझा रक्षा नीति में शामिल होने के पक्ष में बहुमत,..

कोपनहेगन, 02 जून डेनमार्क में जनमत संग्रह में यूरोपीय संघ की साझा रक्षा नीति से बाहर रहने के देश के 30 वर्ष पुराने निर्णय को त्यागने के पक्ष में अधिकतर मत पड़े हैं। डेनमार्क में बुधवार को लोगों ने इस बात के लिए मतदान किया था कि क्या उन्हें यूरोपीय संघ (ईयू) की साझा रक्षा नीति से बाहर रहने के देश के 30 वर्ष पुराने निर्णय को त्याग देना चाहिए या नहीं।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद देश में हो रहा यह जनमत संग्रह यूरोपीय देशों द्वारा सहयोगियों के साथ करीबी रक्षा संबंध बनाने की इच्छा को दिखाने का ताजा उदाहरण है। निर्वाचन आयोग के अनुसार, डेनमार्क के 92 चुनावी जिलों में से 84 में पूरी तरह से मतपत्रों की गिनती हो गई है और 66.9 प्रतिशत मत यूरोपीय संघ की साझा रक्षा नीति से बाहर रहने के देश के 30 वर्ष पुराने निर्णय को त्यागने के पक्ष में दिए गए हैं और 33.1 प्रतिशत मत इसके खिलाफ आए हैं।
डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने कहा, ‘‘डेनमार्क के भारी बहुमत ने साझा रक्षा नीति से बाहर रहने के निर्णय को खत्म कर दिया। मैं इसे लेकर बेहद खुश हूं।’’ फ्रेडरिक्सन ने कहा, ‘‘हमने (रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन को एक स्पष्ट संदेश दिया है।’’ जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेरबॉक ने भी ट्वीट कर डेनमार्क के लोगों के इस फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा हरेक कदम हमें और मजबूत बनाता है।’’
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर डेनमार्क यूरोपीय संघ की रक्षा नीति में शामिल होता है, तो विशेष रूप से स्वीडन और फिनलैंड के नाटो में शामिल होने की तुलना में इससे यूरोप की सुरक्षा व्यवस्था पर हल्का प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, ‘डेनिश इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज़’ की शोधकर्ता क्रिस्टीन निसान ने कहा कि दोनों कदम ‘‘एक ही सिक्के के दो पहलू हैं’’ और यूक्रेन में युद्ध से स्तब्ध महाद्वीप में सैन्य सहयोग को मजबूत करेंगे। मेरी सरकार एक कम
सियासी मियार की रिपोर्ट
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