केंद्र ने तेलंगाना में चावल खरीद बहाल की : गोयल…

नई दिल्ली, 21 जुलाई)। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को बताया कि केंद्र ने तेलंगाना में केंद्रीय पूल (के लिए चावल खरीद संचालन को बहाल करने का फैसला किया है।
केंद्र की मुफ्त राशन योजना के लिए तेलंगाना द्वारा अनाज न उठाने और एथनॉल कार्यक्रम के लिए उचित पहल न करने के कारण वहां से केंद्रीय पूल में चावल डिलीवरी कर दी गयी थी।
श्री गोयल ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में तेलंगाना सरकार की इस बात के लिए आलोचना की कि राज्य सरकार ने केंद्र से बार-बार याद दिलाने के बावजूद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत अप्रैल और मई में गरीबों को राशन वितरित नहीं किया गया। श्री गोयल के पास वाणिज्य एवं उद्योग और कपड़ा मंत्रालय का भी दायित्व है।
श्री गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार गरीबों और किसानों के लिए प्रतिबद्ध और चिंतित है। पीएमजीकेएवाई के माध्यम से केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कोई भी गरीब व्यक्ति अपने अधिकार से वंचित न रहे और उसे उसका पूरा हक मिले। मंत्री ने कहा, “तेलंगाना सरकार ने अप्रैल और मई के दौरान खरीद की विकेंद्रित व्यवस्था (डीसीपी) के भंडार से पहले ही काफी मात्रा (1.90 लाख टन ) उठा ली है, लेकिन इसे वितरित नहीं किया गया है, जिससे केंद्रीय योजना के लाभार्थियों को लाभ नहीं मिल रहा है।”
डीसीपी के तहत राज्यों की एजेंसियों द्वारा खरीदे गए अतिरिक्त अनाज (गेहूं,चावल) की खरीद, भंडारण और वितरण का खर्च केंद्र उन्हें वापस चुकाता है।
उन्होंने बताया कि राज्य में धान के भौतिक सत्यापन (पीवी) के दौरान केंद्रीय टीम की रिपोर्ट के आधार पर मार्च 2022 में दायित्व पूरा न करने वाली चावल मिलों के खिलाफतत्काल सख्त कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार सूचित किया गया था। राज्य में 40 मिलों में 4,53,896 बोरी चावल कम पाए गए थे। राज्य सरकार को मई 2022 को फिर से सूचित किया गया गया कि 63 मिलों में कुल 1,37,872 बोरी चावल की कमी देखी गई। वहां 492 मिलों में 2020-21 के धान को गणना की दृष्टि से ठीक से संग्रहीत नहीं किये जाने से स्टाक की भौतिक पुष्टि नहीं की जा सकी थी।
श्री गोयल ने यह भी कहा कि तेलंगाना को पेट्रोल में 20 तक एथेनॉल मिश्रण के कार्यक्रम के लिए 36 करोड़ लीटर अतिरिक्त वार्षिक क्षमता की आवश्यकता है। लेकिन, राज्य सरकार ने इस पर कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि एथेनॉल के प्रसंस्करण से किसानों को मदद मिल सकती थी, युवाओं के लिए रोजगार पैदा हो सकता था और निवेश भी हो सकता था। इससे पेट्रोलियम के आयात को कम करने में भी मदद मिलती और इससे विदेशी मुद्रा की बचत होती।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की एक विज्ञपति के अनुसार तेलंगाना सरकार के नागरिक आपूर्ति विभाग ने इस वर्ष अप्रैल से शुरू होने वाली प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) चरण – छह योजना के तहत वितरण के लिए कच्चा चावल उठाया था, जहां सरकार द्वारा मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। भारत सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण जनता के सामने आने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए, हालांकि, इसे जून की शुरूआत तक लाभार्थियों के बीच वितरित नहीं किया गया था। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार एथनॉल के निर्माण के लिए राज्य में आसवनी की स्थापना के लिए आवेदनों के प्रसंस्करण में भी सक्रिय कार्रवाई नहीं कर रही थी।
बयान में कहा गया कि उपरोक्त मुद्दों पर राज्य सरकार की ओर से निष्क्रियता के कारण, तेलंगाना में सात जून से केंद्रीय पूल में चावल की डिलीवरी को राज्य सरकार द्वारा कोई ठोस कार्रवाई शुरू करने तक रोकने का निर्णय लिया गया था।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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