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विदेशों में तेजी के रुख से तेल-तिलहन की कीमतों में सुधार…

विदेशों में तेजी के रुख से तेल-तिलहन की कीमतों में सुधार…

नई दिल्ली, 30 जुलाई । विदेशी बाजारों में तेजी के बीच दिल्ली तेल- तिलहन बाजार में शनिवार को लगभग सभी तेल-तिलहनों के दाम सुधार के साथ बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने कहा कि शिकागो एक्सचेंज शुक्रवार को लगभग तीन प्रतिशत मजबूती के साथ बंद हुआ था। इस बीच सरकार ने आयात शुल्क मूल्य में पाक्षिक कटौती की है। इस कटौती के तहत पामोलीन के आयात शुल्क में 307 रुपये प्रति क्विन्टल की भारी कमी की गई है जबकि सोयाबीन डीगम में 69 रुपये प्रति क्विन्टल की और कच्चा पाम तेल (सीपीओ) के आयात शुल्क मूल्य में 47 रुपये प्रति क्विन्टल की कमी की गई है।

इस कटौती के बाद जिस सोयाबीन तेल का दाम पहले सीपीओ से लगभग 50 डॉलर अधिक हुआ करता था, वह अंतर अब बढ़कर 310 डॉलर हो गया है। वर्ष 2010 के बाद एक सप्ताह के अंदर सोयाबीन दाना के भाव पहले कभी इतनी तेजी से बढ़ते नहीं देखे गये हैं। इससे विश्व में सीपीओ और पामोलीन की मांग बढ़ेगी क्योंकि सोयाबीन की तुलना में ये काफी सस्ते होंगे। मलेशिया में सीपीओ और पामोलीन लगभग बराबर भाव पर हैं क्योंकि सीपीओ तेल पर निर्यात शुल्क लगाया जाता है जबकि पामोलीन पर निर्यात शुल्क नहीं के बराबर है।

सूत्रों ने कहा कि सीपीओ और पामोलीन के मुकाबले प्रति टन सोयाबीन डीगम का भाव 300 डॉलर महंगा होने से सीपीओ और पामोलीन के आयात में इजाफा होगा। इससे स्थानीय तेल प्रसंस्करण उद्योग प्रभावित होंगे क्योंकि उनका कामकाज ठप पड़ सकता है।

सूत्रों ने कहा कि आयात शुल्क में छूट दिये जाने के बाद सोयाबीन डीगम का भाव लगभग छह रुपये किलो सस्ता होना चाहिए था लेकिन कांडला बंदरगाह पर थोक बिक्री मूल्य में सिर्फ दो रुपये प्रति किलो की ही कमी आई है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार की रियायतों का लाभ न तो उपभोक्ता को मिल रहा है, न किसानों को और न ही तेल उद्योग को। ऐसे में आयात शुल्क में कमी करने से सिर्फ सरकार को राजस्व की ही हानि है।

नमकीन बनाने वाली कंपनियों की मांग होने से मूंगफली तेल तिलहन के साथ साथ बिनौला तेल कीमतों में भी सुधार आया।

तेल तिलहन उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने की ओर ले जाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है। किसानों को उनकी उपज का लाभकारी दाम दिये जाने से वे उत्पादन बढ़ाने को प्रेरित होंगे।

शनिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,290-7,340 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,895 – 7,020 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,120 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,690 – 2,880 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,340-2,420 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,370-2,485 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,250 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,300 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,350 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,200 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 6,450-6,525 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज 6,225- 6,300 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

सियासी मीयर की रिपोर्ट