भारत में सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर जुलाई के दौरान चार महीने में सबसे कम रही..

नई दिल्ली, 03 अगस्त । भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों की रफ्तार जुलाई के महीने में मंद पड़ गई क्योंकि प्रतिस्पर्धी दबाव, ऊंची मुद्रास्फीति और प्रतिकूल मौसम ने मांग को प्रभावित किया। एक मासिक सर्वेक्षण में बुधवार को यह जानकारी दी गई।
मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल का भारत सेवा पीएमआई व्यवसाय गतिविधि सूचकांक जुलाई में घटकर में 55.5 हो गया, जो जून में 59.2 था। यह चार महीने में सबसे कम गति की वृद्धि को दर्शाता है।
यह लगातार 12वां महीना है, जब सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में विस्तार हुआ। परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) की भाषा में 50 से अधिक अंक का अर्थ है कि गतिविधियों में विस्तार हो रहा है, जबकि 50 से कम अंक संकुचन को दर्शाता है।
सर्वे के मुताबिक जिन सेवा प्रदाताओं ने जुलाई के महीने में बिक्री अच्छी रहने की जानकारी दी है उन्होंने इसकी वजह मांग की अनुकूल परिस्थितियां और विज्ञापन का लाभ मिलने की बात कही। हालांकि सर्वे के भागीदारों ने कहा कि तीव्र प्रतिस्पर्धा और प्रतिकूल मौसम के कारण वृद्धि प्रभावित हुई।
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की आर्थिक संयुक्त निदेशक पोलियाना डी लीमा ने कहा कि प्रतिस्पर्धी दबाव, ऊंची मुद्रास्फीति और प्रतिकूल मौसम की वजह से मांग प्रभावित हुई और परिणामस्वरूप भारत की सेवा अर्थव्यवस्था की गति खासी कम हुई है।’’
एसएंडपी ग्लोबल भारत समग्र पीएमआई उत्पादन सूचकांक जून के 58.2 से गिरकर जुलाई में 56.6 हो गया जो मार्च के बाद से सबसे कम वृद्धि दर्शाता है।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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