परिवार की परंपरा निभाने के लिये टेबल टेनिस कोच 62 साल की उम्र में बने खिलाड़ी..

बर्मिंघम, 03 अगस्त । इंग्लैंड में जन्में और फिजी के टेबल टेनिस कोच स्टीव रेली ने परिवार की परंपरा जारी रखने और राष्ट्रमंडल खेलों में अपने पिता का सपना साकार करने के लिये 62 साल की उम्र में खिलाड़ी के तौर पर खेलने का फैसला किया।
करीब 84 साल पहले स्टीव के पिता जिम ने स्कॉटलैंड की ओर से 1938 ‘ब्रिटिश एंपायर्स’ खेलों (जो अब राष्ट्रमंडल खेल हैं) में मुक्केबाजी स्पर्धा में हिस्सा लिया था।
अपने पिता के सम्मान में स्टीव बर्मिंघम 2022 में टेबल टेनिस स्पर्धा में हिस्सा लेंगे और वह इस दौरान अपने पिता का 1936 स्कॉटिश मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में जीता हुआ पदक पहनेंगे।
स्टीव पुरूष एकल, मिश्रित युगल और टीम स्पर्धा में फिजी की ओर से हिस्सा लेंगे। वह जब युवा थे तो मुक्केबाजी और गोताखोरी में भी हाथ आजमा चुके हैं। वह 17 साल की उम्र में ‘रॉयल नेवी’ से जुड़े थे और 22 साल तक ‘इलेक्ट्रॉनिक’ तकनीशियन और गोताखोर के तौर पर काम करते रहे।
नौसेना छोड़ने के बाद फिजी ने उन्हें गोताखोरी सिखाने के लिये पेशकश की जिसके बाद वह 2009 से इस देश के नागरिक बन गये। कोचिंग करते हुए वह इन खेलों में हिस्सा लेने की पेशकश ठुकरा चुके थे।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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