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प्रधान ने सार्वजनिक चर्चा के लिये राष्ट्रीय क्रेडिट ढांचे का मसौदा जारी किया..

प्रधान ने सार्वजनिक चर्चा के लिये राष्ट्रीय क्रेडिट ढांचे का मसौदा जारी किया..

नई दिल्ली, । केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को राष्ट्रीय क्रेडिट ढांचे का मसौदा तैयार करने वाली समिति को किसी छात्र द्वारा प्रौद्योगिकी का उपयोग करके पड़ोस के व्यक्ति को साक्षर बनाने पर उसे 0.5 क्रेडिट प्रदान करने की संभावना पर विचार करने का सुझाव दिया।

प्रधान ने स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और कौशल के लिये राष्ट्रीय क्रेडिट ढांचे की मसौदा रिपोर्ट सार्वजनिक चर्चा के लिये जारी करते हुए यह बात कही। इस मसौदा रिपोर्ट पर 30 नवंबर तक विचार/राय भेजी जा सकती है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि 1947 में भारत की आजादी के समय देश की 75 प्रतिशत से अधिक (25 करोड़ आबादी) निरक्षर थी, जबकि मौजूदा समय में करीब 80 फीसदी आबादी साक्षर हो गई है। उन्होंने कहा कि 1947 में देश की 25 करोड़ आबादी निरक्षर थी और जनसंख्या बढ़ने के कारण आज भी लगभग इतने ही लोग (25 करोड़) निरक्षर हैं।

प्रधान ने कहा कि क्या हम इस बात पर विचार कर सकते हैं कि कक्षा छह से ऊपर का कोई छात्र अपने पड़ोस के किसी व्यक्ति को प्रौद्योगिकी का उपयोग करके साक्षर बनाता है, तो उसे क्रेडिट दिया जा सकता है।

शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय क्रेडिट ढांचे का मसौदा तैयार करने वाली समिति को सुझाव दिया, ‘‘क्या अपने पड़ोसी के किसी व्यक्ति को साक्षर बनाने पर ऐसे छात्र को 0.5 क्रेडिट प्रदान करने की संभावना पर विचार किया जा सकता है। इस पर आप (समिति) ध्यान दें।’’

ज्ञात हो कि राष्ट्रीय क्रेडिट ढांचा तैयार करने के लिये राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) के प्रमुख डा. निर्मलजीत सिंह कलसी के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया था।

प्रधान ने मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रक्रिया शुरू करने को मंजूरी प्रदान की थी। स्कूली शिक्षा सचिव अनिता करवल, उच्च शिक्षा सचिव संजय मूर्ति, राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) के अध्यक्ष डा. निर्मलजीत सिंह कलसी तथा शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया था।

सरकार ने 18 नवंबर 2021 को व्यवसायिक एवं सामान्य शिक्षा दोनों के लिये राष्ट्रीय क्रेडिट संचय एवं हस्तांतरण ढांचा विकसित करने के लिये एक उच्च स्तरीय समिति गठित किये जाने को मंजूरी दी थी। यह क्रेडिट ढांचा पठन-पाठन से जुड़े अकादमिक एवं व्यावसायिक कार्यक्रमों को जोड़ेगा और दोनों के बीच लचीली व्यवस्था सुनिश्चित करेगा।

सियासी मीयार की रिपोर्ट