उच्च न्यायालय ने न्यायिक अधिकारी के आपत्तिजनक वीडियो के प्रसारण पर रोक लगाई

नई दिल्ली, 01 दिसंबर । दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक न्यायिक अधिकारी और एक महिला के ‘‘आपत्तिजनक वीडियो’’ को साझा करने या पोस्ट करने पर रोक लगा दी है।
यह वीडियो 29 नवंबर को सामने आया था और सोशल मीडिया मंचों पर इसे प्रसारित किया गया था। अदालत ने कहा कि इसके प्रसारण से वादी के निजता के अधिकारों का हनन होगा।
बुधवार देर रात को जारी एक आदेश में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने पीड़ित पक्ष की पहचान को ‘‘छिपाने’’ की अपील को मंजूरी दी और कहा अंतरिम एकपक्षीय निषेधाज्ञा कि जरूरत है क्योंकि वीडियो का प्रसारण कई कानूनों का उल्लंघन करता है।
न्यायाधीश ने कहा कि उच्च न्यायालय की पूर्ण अदालत ने स्वयं अपने प्रशासनिक पक्ष से घटना का संज्ञान लिया है और कहा कि उसके महापंजीयक ने अधिकारियों से कहा है कि वीडियो को सभी मैसेजिंग और सोशल मीडिया मंचों के साथ इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) पर ‘ब्लॉक’ किए जाने के लिए उचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘वीडियो की सामग्री स्पष्ट रूप से यौन प्रकृति की है जिससे आसन्न, गंभीर एवं व्यक्ति के निजता के अधिकारों के हनन का अंदेशा है। ऐसे में दूसरे पक्ष की राय जाने बिना इस संबंध में फैसला सुनाना ठीक नहीं होगा।’’
अदालत ने केंद्र से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि महापंजीयक के संचार के संदर्भ में आगे के सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं और इन कार्यवाहियों में एक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
सियासी मियार की रिपोर्ट
Siyasi Miyar | News & information Portal Latest News & Information Portal