ये पांच शॉर्ट फिल्में अपने बच्चों को जरुर दिखाएं…

एक अच्छी परवरिश के लिए बच्चों को केवल अच्छे स्कूल में भेजना या फिर उन्हें डिसिप्लिन में रखना ही काफी नहीं होता. एक अच्छी परवरिश के लिए उन्हें सही-गलत, अच्छाई जैसी मोरल क्वालिटीज़ भी सीखाना जरुरी होता है और अगर मोरल क्वालिटीज़ फिल्मों के जरिए सीखाई जाएं तो बच्चें दिलचस्पी भी दिखातें और जल्दी भी सीखते है. चलिए आपको बताते है पांच शॉर्ट फिल्मों के बारे में जिन्हें आप अपने बच्चों को दिखा सकते है…
कुल्फी-एन आइसक्रीम
कुल्फी एन आइसक्रीम 10 मिनट की एक ऐसी शॉर्ट फिल्म है. जो बच्चों को अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की मोरल वैल्यू सीखाता है. इस फिल्म को आपको अपने बच्चों को जरुर दिखानी चाहिए.
विद्या कसम
आजकल बच्चे अपने माता-पिता से बहुत सी बातें छिपाते है, कई बार झूठ भी बोलते है. विद्या कसम बच्चों को झूठ न बोलने की सीख देती है. फिल्म को जिस तरह फिल्माया गया है. उसे बच्चे को कहानी के साथ कनेक्ट होने में और सीख को समझने में आसानी होती है.
टच
20 मिनट की शॉर्ट फिल्म टच आज के समय के मुद्दों को जागरुक करने वाली एक बेहतरीन फिल्म है. इस फिल्म के जरिए बच्चों को गुड टच और बैड टच को समझने में आसानी होती है. 5 से 12 साल के बच्चों को यह फिल्म जरुर दिखानी चाहिए.
किरा
किरा 4 मिनट 48 सेंकड की शॉर्ट फिल्म है. यह फिल्म बच्चों को जानवरों के लिए प्यार की भावना और आजाद के महत्व को समझाती है.
अंबू-डिजायर ऑफ ए लिटिल गर्ल
7 मिनट की यह शॉर्ट फिल्म बच्चों को समाज में भेदभाव न करने की सीख देती है. साथ ही इस बात के महत्व को समझाती है कि बहुत लिमिटेड रिसोर्सेज में कैसे खुश रहा जा सकता है.
सियासी मियार की रिपोर्ट
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