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यूएस फेड के फैसले का ग्लोबल मार्केट पर दिखा असर..

यूएस फेड के फैसले का ग्लोबल मार्केट पर दिखा असर..

  • वॉल स्ट्रीट और एशियाई बाजारों में मिलाजुला कारोबार

नई दिल्ली, 15 जून। अमेरिकी फेडरल रिजर्व (यूएस फेड) द्वारा ब्याज दरों को लेकर किए गए फैसले का असर पिछले कारोबारी सत्र में वॉल स्ट्रीट के कामकाज पर साफ-साफ नजर आया।

ब्याज दरों में बदलाव नहीं होने के कारण जहां निवेशकों का एक वर्ग उत्साहित दिखा, वहीं जल्द ही ब्याज दरों में 2 बार बढ़ोतरी करने का संकेत दिए जाने की वजह से कुछ निवेशकों में बेचैनी भी देखी गई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ऐलान के बाद वॉल स्ट्रीट मिलाजुला कारोबार करके बंद हुआ। यूरोपीय बाजार में पिछले कारोबारी सत्र के दौरान बढ़त की स्थिति बनी रही। जबकि आज एशियाई बाजारों में मिलाजुला कारोबार होता नजर आ रहा है।

पिछले कारोबारी सत्र के दौरान डाओ जोंस 232.79 अंक यानी 0.68 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 33,979.33 अंक के स्तर पर बंद हुआ। दूसरी ओर एसएंडपी 500 इंडेक्स ने 0.08 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 4,372.59 अंक के स्तर पर पिछले सत्र के कारोबार का अंत किया। इसी तरह नैस्डेक 0.39 प्रतिशत की मजबूती के साथ 13,626.48 अंक के स्तर पर बंद हुआ।

आपको बता दें कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इस बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। पिछले 15 महीने की अवधि में ऐसा पहली बार हुआ है, जब यूएस फेड ने ब्याज दरों में कोई फेरबदल नहीं किया है। इसके पहले यूएस फेड लगातार 10 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर चुका है, जिसकी वजह से अमेरिका का बेंचमार्क इंटरेस्ट रेट पिछले 16 साल के सर्वोच्च स्तर 5.1 प्रतिशत पर पहुंच गया है।

ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं करने के यूएस फेड के फैसले का अमेरिकी बाजार में निवेशकों के एक वर्ग ने खुलकर स्वागत किया। लेकिन अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बैठक के बाद बुधवार को इस बात के संकेत भी दिए कि इस साल वो दो बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है। हालांकि ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का फैसला इस बात का आकलन करने के बाद ही किया जाएगा कि अभी तक ब्याज दरों में की गई बढ़ोतरी का अमेरिकी अर्थव्यवस्था और महंगाई पर क्या असर हुआ है।

यूएस फेड ने इस बात के संकेत भी दिए हैं कि अगर इस आकलन के बाद महंगाई पर काबू पाने के लिए आवश्यक लगा तो अगले महीने से ही ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का सिलसिला एक बार फिर शुरू किया जा सकता है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व कि इस संकेत की वजह से निवेशकों के एक वर्ग में घबराहट का माहौल भी बना हुआ है।

पिछले कारोबारी सत्र के दौरान यूरोपीय बाजार बढ़त के साथ बंद होने में सफल रहे। एफटीएसई इंडेक्स 0.10 प्रतिशत की मजबूती के साथ 7,602.74 अंक के स्तर पर बंद हुआ। इसी तरह सीएसी इंडेक्स ने 0.51 प्रतिशत की तेजी के साथ 7,328.53 अंक के स्तर पर पिछले सत्र के कारोबार का अंत किया। इसके अलावा डीएएक्स इंडेक्स 0.49 प्रतिशत की मजबूती के साथ 16,310.79 अंक के स्तर पर बंद हुआ।

एशियाई बाजारों में आज मिलाजुला कारोबार होता नजर आ रहा है। भारत के अलावा एशिया के 9 बाजारों में से 5 के सूचकांक बढ़त के साथ हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं, जबकि 4 सूचकांक गिरावट के साथ लाल निशान में बने हुए हैं। एसजीएक्स निफ्टी 0.10 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 18,816.50 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह कोस्पी इंडेक्स 0.33 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 2,610.52 अंक के स्तर तक फिसल चुका है। इसके अलावा सेट कंपोजिट इंडेक्स 0.15 प्रतिशत लुढ़क कर 1,558.88 अंक के स्तर पर और जकार्ता कंपोजिट इंडेक्स 0.36 प्रतिशत कमजोर होकर 6,675.30 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।

दूसरी ओर निक्केई इंडेक्स 127.91 अंक यानी 0.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ 35,630.33 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह स्ट्रेट्स टाइम्स इंडेक्स 0.53 प्रतिशत की तेजी के साथ 32,35.32 अंक के स्तर तक पहुंच गया है। हैंग सेंग इंडेक्स भी अभी तक के कारोबार में 125.16 अंक यानी 0.64 प्रतिशत मजबूत होकर 19,533.58 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा ताइवान वेटेड इंडेक्स 0.39 प्रतिशत की उछाल के साथ 17,304.77 अंक के स्तर पर और शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.08 प्रतिशत तेज होकर 3,231.73 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।

सियासी मियार की रिपोर्ट