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एसटीएफ को एक क्लिक पर अपराधियों का पूरा ब्यौरा देगा एआई बेस्ड क्रिमिनल डाटा सिस्टम..

एसटीएफ को एक क्लिक पर अपराधियों का पूरा ब्यौरा देगा एआई बेस्ड क्रिमिनल डाटा सिस्टम..

  • योगी सरकार से एसटीएफ के आधुनिकीकरण का बजट मिलते ही विभाग ने शुरू की ख़रीदारी की प्रक्रिया

लखनऊ, 05 जुलाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही यूपीएसटीएफ जल्द ही नये कलेवर और नई ताकत के साथ दिखेगी। अपराध और अपराधियों पर कार्रवाई को और तेज करने के लिए हाल ही में यूपीएसटीएफ को लेकर मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक की थी, जिसमें उन्होंने यूपीएसटीएफ की प्रदेश के दुर्दांत अपराधियों, अवैध नशे के साैदागरों, अवैध हथियार तस्करों, परीक्षा माफिया और फर्जी शिक्षकों समेत आतंकियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई पर प्रसन्नता जाहिर की। बैठक में योगी सरकार ने एसटीएफ को और मज़बूत करने के लिए बजट जारी कर दिया है।

योगी सरकार से बजट मिलते ही यूपी एसटीएफ ने आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस बेस्ड क्रिमिनल डाटा क्रिएशन एंड रिट्रीवल सिस्टम को ख़रीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे संगीन वारदात को अंजाम देने वाले अज्ञात शूटर और अपराधी अब एसटीएफ की नजरों से नहीं बच सकेंगे। चंद सेकंड में उनकी पहचान के साथ पूरी कुंडली पुलिस अधिकारियों के सामने होगी।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस तकनीक के जरिए घटना का जल्द खुलासा करने के साथ उसे अंजाम देने वाले अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने में देर नहीं लगेगी। यूपी एसटीएफ करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से जल्द आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस बेस्ड क्रिमिनल डाटा क्रिएशन एंड रिट्रीवल सिस्टम स्थापित करने जा रही है। इसकी निविदा जारी होने के बाद चार कंपनियों ने इसमें रुचि दिखाई है।

उल्लेखनीय है कि तेलंगाना के बाद यूपी पुलिस में ऐसा अत्याधुनिक सिस्टम स्थापित किया जा रहा है। आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस बेस्ड क्रिमिनल डाटा क्रिएशन एंड रिट्रीवल सिस्टम में अपराधियों का पूरा डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इससे पहले क्रिमिनल ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए ये काम किया जाता था। आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस के साथ अपराधियों का डाटाबेस जोड़ने से उनके चेहरे का मिलान चंद सेकंड में पूरे रिकॉर्ड से करते हुए किस चेहरे से कितने प्रतिशत मिलान हो रहा है, इसकी जानकारी सामने होगी। साथ ही उनकी आवाज, घटना को अंजाम देने का तरीका, पारिवारिक और आपराधिक पृष्ठभूमि का पूरा ब्योरा भी तुरंत मिल जाएगा।

वर्चुअल कॉल के जरिए धमकी देने वालों की अब खैर नहीं

पुलिस अधिकारी ने बताया कि उदाहरण के तौर पर यदि कोई व्यक्ति किसी को वर्चुअल कॉल के जरिए धमकी देता है तो उसकी आवाज को ये सिस्टम आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस की मदद से डाटाबेस में फीड लाखों आवाज से मैच करके सही व्यक्ति की पहचान कर लेगा। एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक बिड में रुचि दिखाने वाली कंपनियों से इसमें तमाम अन्य फीचर्स भी जोड़ने पर बात चल रही है। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि योगी सरकार की अपराधियों को लेकर नीति स्पष्ट है। अपराधी बचने न पाए, इसके लिए सरकार हर कदम उठा रही है।

सियासी मियार की रिपोर्ट