रक्सौल-काठमांडू रेलवे लाइन आशाजनक और व्यवहार्य : सर्वेक्षण रिपोर्ट…

काठमांडू, 21 जुलाई। भारत के रक्सौल शहर को नेपाल की राजधानी काठमांडू से जोड़ने के लिए प्रस्तावित सीमा पार रेलवे लाइन निर्माण के लिहाज से आशाजनक और व्यवहार्य है।
अधिकारियों ने तीन अरब डॉलर की लागत वाली इस परियोजना की अंतिम स्थान सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि भारत ने बिहार में रक्सौल शहर और काठमांडू के बीच प्रस्तावित रेलवे लाइन की अंतिम स्थान सर्वेक्षण रिपोर्ट समीक्षा एवं विचार के लिए नेपाली प्राधिकारियों को सौंपी है।
नेपाल के अवसंरचना एवं परिवहन मंत्रालय के सूचना अधिकारी बिनोद कुमार खड़का ने कहा कि भारत के कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा तैयार यह रिपोर्ट उनके मंत्रालय को पिछले हफ्ते उपलब्ध कराई गई।
खड़का के मुताबिक, मंत्रालय अभी इस रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है। उन्होंने कहा, “इसी के साथ हमें इस बात पर मंथन करना है कि इस परियोजना को कैसे क्रियान्वित किया जाए। अंतिम स्थान सर्वेक्षण से पता चला है कि यह परियोजना निर्माण के लिहाज से आशाजनक और व्यवहार्य है।”
नेपाल में रेलवे विभाग के महानिदेशक रोहित कुमार बिसुरल ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट के अनुसार रक्सौल और काठमांडू के बीच 141 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के निर्माण पर कुल तीन अरब अमेरिकी डॉलर खर्च होंगे।
उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत निर्माण कार्य शुरू होने से पहले नेपाल सरकार को रेलवे लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
यह रेलवे लाइन रक्सौल से शुरू होगी और काठमांडू के पास ललितपुर जिले में बीरगंज, निजगढ़, सिसनेरी और खोकना से होकर गुजरेगी। भारत और नेपाल ने इस रेलवे लाइन के लिए प्रारंभिक इंजीनियरिंग-सह-यातायात सर्वे करने के वास्ते अगस्त 2018 में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत किए थे।
बिसुरल ने कहा, “पूरी होने के बाद यह परियोजना भारत और नेपाल के बीच माल ढुलाई को आसान एवं सुविधाजनक बनाएगी।”
सियासी मियार की रिपोर्ट
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