प्रेम में आदमी हूं…

प्रेम में आदमी हूं
मेरे पास नहीं है प्रेम का
कोई रंग और ना ही
मुझे किसी रंग से प्रेम!
मेरे प्रेम में
ना मिलन है ना बिछुड़न
न तड़प है ना सनद
और ना ही मेरे प्रेम से तुम्हारा कोई वास्ता!
मेरा प्रेम सिर्फ मेरा है
और जब तुम्हें समझ आ जाये
कि
मैं खुद से प्रेम करने लगा हूं तो
समझ लेना अब मैं
प्रेम में आदमी हूं और
प्रेम आदमी होने की पहली शर्त!!
सियासी मियार की रीपोर्ट
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