Sunday , November 23 2025

मौन रहना सीख लो..

मौन रहना सीख लो..

-आलोक कुमार-

तुम भी,
मौन रहना सीख लो।
गिरने दो
अधर की लहर को
हृदय के कुण्ड में
क्यों बहे यह जगत में
व्यर्थ में।
चहना जिनको भी होगी,
जोड़ लेगें
मन को अपने, हृदय की तुम्हारी
डोर से,
प्यास लगने पर पथिक
कुंए को खोजता है।
कुआं किसी को अंजुलि में
पानी नहीं देता।
स्नेह को न करो
व्यक्त तुम, शब्द में।
मौन ही, सबसे बडी
अभिव्यक्ति है।।

सियासी मियार की रीपोर्ट