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दलेर मेहंदी ने राग भैरवी पर आधारित बलूची भांगड़ा लांन्च किया

दलेर मेहंदी ने राग भैरवी पर आधारित बलूची भांगड़ा लांन्च किया

मुंबई, अपनी दमदार आवाज और एनर्जीटिक स्टेज परफॉर्मेंस के लिए प्रसिद्ध लीजेंडरी पॉप आइकन दलेर मेहंदी ने अपना लेटेस्ट सिंगल आंखियां ते जा लडियां रिलीज़ किया है।

अंखियां ते जा लडियां की शानदार धुन को दलेर मेहंदी, शेर अली मेहर अली खान और इजाज़ शेर अली ने अपनी बेहतरीन आवाज़ दी है। यह शानदार गीत को खुद दलेर मेहंदी ने कंपोज़ किया है, जिनका आर्टिस्टिक विज़न गीतों में जान डाल डाल देता है। वीडियो का बेहतरीन कॉन्सेप्ट, जबदस्त स्टाइलिंग और इनोवेटिव आईडिया तरण मेहंदी की देन हैं, जिनका आर्टिस्टिक विज़न हर फ्रेम में नज़र आता है। तरण मेहंदी और सुमित भारद्वाज का डायरेक्शन एक साथ इस वीडियो इसे देखने और सुनने में इतना मनमोहक बना देता है कि अंखियां ते जा लड़ियां मोर्डेन म्यूजिक का एक जबरदस्त मास्टरपीस बन गया है। इस वीडियो की कोरियोग्राफी दिल्ली के युवा 23 वर्षीय कुंवर सिंह ने की है, जो फॉकिंग देसी से जुड़े हैं।

दलेर मेहंदी ने कहा कि, मेरी एक बहुत ही तीव्र इच्छा है कि मैं अपने पीछे अच्छे शब्दों और खूबसूरत संगीत की एक ऐसी विरासत छोड़ जाऊं जो बुजुर्गों की गायकी को सामने लाए। ऐसे ही एक जोड़ी ने मुझे एक युवा संगीत श्रोता, सीखने वाले के रूप में मेरे करियर के शुरुआत वर्षों में प्रभावित किया, वो थे क़व्वाली की जोड़ी शेर अली खान और मेहर अली खान। जब मैं दलेर मेहंदी बना, तो मेरे संगीत करियर ने मुझे उन हस्तियों तक पहुंचाया, जिन्हें सुनकर मैं बड़ा हुआ था। और वो जिन्हें सुनने की मैं एक बार तड़पता था, वो मेरे दोस्त बन गए। उन्हें रिकॉर्ड करना मेरी इच्छा थी। फिर एक ऐसे ही दिन आया जब मैंने अंखियां ते जा लडियां की रचना की, मैंने उन्हें फोन करके पूछा कि क्या वे गाना चाहेंगे। मेरी राहत और खुशी की बात है कि उन्होंने तुरंत हां कर दी और गाना अमर हो गया। मैं टेक्नोलॉजी का बहुत बड़ा धन्यवाद करता हूं, यहां बैठकर, उनके वोकल भेजने और फिर सब कुछ एक साथ जोड़ने पर, यह सपना साकार होता हुआ दिख रहा था।

तरन मेहंदी ने कहा, दलेर जी जैसे दिग्गज कलाकार को डायरेक्ट करना एक ऐसा सम्मान है जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। संगीत जगत में उनका स्टारडम बहुत ही जबरदस्त है, और उनके साथ काम करना किसी सपने से कम नहीं रहा है। ‘अंखियां ते जा लडियां’ के पहले ही सुर से मैंने एक कलात्मक कहानी की कल्पना की थी जो उनके द्वारा बनाए गए ध्वनि के हिसाब से होनी चाहिए थी। इसमें बुजुर्ग शेर अली मेहर अली साहब की शास्त्रीय गायकी दलेर जी की शानदार रचना है। गीत भावुक है, एक प्रियतम की तड़प को दर्शाता है, लेकिन ताल बेहद आकर्षक है। कोरियोग्राफरों ने सचमुच मेरे दिमाग की कल्पनाओं को रूप दिया। मुझे बालोची भांगड़ा धमाल को उसके असली रूप में दिखाने पर गर्व और खुशी है।

मेरे को-डायरेक्टर सुमित भारद्वाज ने मेरे विचारों और दृष्टि का समर्थन किया। मैं इस बात से उत्साहित हूं कि हमारे सामूहिक प्रयासों ने ठीक वैसे ही रूप लिया जैसा मैंने सपना देखा था। सभी की क्रिएटिव एनर्जी का एक साथ आना अपने आप में एक जीत थी। शेर अली और मेहर अली, जिनसे मुझे दलेर जी ने मिलवाया था, उन कलाकारों की सूची में लंबे समय से थे जिनके साथ मैं काम करना चाहती थी। यह लगभग संयोग की बात लगती है कि मुझे ऐसे तीन दिग्गजों के साथ एक संगीत वीडियो बनाने का दुर्लभ अवसर मिला। मैं इस प्रोजेक्ट में योगदान देने वाले प्रत्येक व्यक्ति की अत्यंत आभारी हूं; उनकी अटूट समर्पण और प्रतिभा ने आंखियां ते जा लडियां को एक ट्रू मास्टरपीस बना दिया है।

सियासी मियार की रीपोर्ट