Friday , September 20 2024

ऊंची है मंजिल मेरी

ऊंची है मंजिल मेरी

-प्रियंका कोशियारी-

ऊंची है मंज़िल मेरी,
राह मैं ख़ुद बनाऊँगी,
डगमगा जाऊँ अगर कहीं,
तो फिर खड़ी हो जाऊँगी,
आगे बढ़ना सीखा है मैंने,
पीछे कैसे मुड़ जाऊँगी,
ना मानूँगी हार कभी,
सफलता तभी तो पाऊँगी,
तैयार है पूरी मेरी,
मेहनत करते जाना है,
सपना है यह मेरा,
मंज़िल तक मुझे जाना है,
रहे तो है कई मगर,
मंज़िल मेरी एक है,
बढ़ते रहना आगे निरंतर,
रास्ता भी होना नेक है।।

सियासी मियार की रीपोर्ट