ओडिशा सरकार ने ‘क्षतिपूरक वनरोपण’ के लिए करीब 26 हजार एकड़ भूमि का ‘बैंक’ तैयार किया…
भुवनेश्वर, 10 फरवरी । ओडिशा सरकार ने राज्य में वन भूमि के नुकसान को रोकने के मकसद से ‘क्षतिपूरक वनरोपण’ के लिए लगभग 26 हजार एकड़ भूमि का एक ‘बैंक’ तैयार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस. साहू ने बुधवार को मुख्य सचिव एस. सी. महापात्र की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में बताया कि जनवरी 2022 के दौरान 18 जिलों में लगभग 26,500 एकड़ वन भूमि की पहचान की गई है। उन्होंने कहा कि एक महीने में क्योंझर जिले में सबसे ज्यादा 10,800 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है।
साहू ने कहा कि वनों की कटाई रोकने के लिए जिन जिलों में वन भूमि बैंक की पहचान की गई है, उनमें क्योंझर, सुंदरगढ़, बोलंगीर, जाजपुर, मयूरभंज, बालासोर, संबलपुर, अंगुल, कटक, ढेंकनाल, गंजम, जगतसिंहपुर, झारसुगुड़ा, मलकानगिरि, नबरंगपुर, नुआपाड़ा, सुबर्णपुर और नयागढ़़ शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि मार्च 2022 तक भूमि बैंक का दायरा 50 हजार एकड़ करने का लक्ष्य रखा गया है और एक साल के भीतर एक लाख एकड़ जमीन को इस ‘बैंक’ में शामिल करने की योजना है।
सियासी मियार की रिपोर्ट