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हरियाणा के निजी सेक्टर में आरक्षण पर रोक हटी…

हरियाणा के निजी सेक्टर में आरक्षण पर रोक हटी…

सुप्रीम कोर्ट ने स्टे को हटाया, हाईकोर्ट से कहा- सभी पक्ष सुनें, 4 हफ्ते में मामला निपटाएं….

नई दिल्ली/चंडीगढ़, 17 फरवरी)। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से हरियाणा में प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में 75 फीसदी रिजर्वेशन पर लगाए गए स्टे को सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्टे हटाते हुए हाइकोर्ट को चार हफ्ते में इस मामले का निपटारा करने के आदेश दिए हैं। डिप्टी एडवोकेट जनरल शेखर राज शर्मा ने इसकी जानकारी दी है। साथ ही बताया है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस दौरान हरियाणा सरकार निजी कंपनियों, फैक्ट्रियों के मालिकों के खिलाफ संबंधित एक्ट का पालन नहीं करने के लिए कोई सख्त कारवाई नहीं करेगी।

संवैधानिक पहलुओं से जुड़ा मामला, की जाए विस्तृत सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने केस की सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में कोई भी फैसला सुनाने से पहले सभी पक्षों को विस्तृत रूप से सुना जाना चाहिए, क्योंकि यह मामला संवैधानिक पहलुओं से जुड़ा है। टॉप कोर्ट ने ये भी कहा है कि हाईकोर्ट के पास हरियाणा सरकार की तरफ से लाए गए कानून पर स्टे लगाने का कोई वैलिड रीजन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उपस्थित हुए थे।

हरियाणा सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पहुंची थी सुप्रीम कोर्ट

हरियाणा सरकार ने प्राइवेट कंपनियों में हरियाणा के मूल निवासियों को नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण देने का कानून पास किया था। इसके विरोध में फरीदाबाद की इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने सरकार के यह कानून लागू करने पर स्टे लगा दिया था। हाईकोर्ट हरियाणा सरकार की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ। इसके विरोध में हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। इसी अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है। बता दें कि हरियाणा सरकार ने इस एक्ट को नवंबर 2020 में नोटिफाई किया था। राज्य सरकार ने इसे लागू भी कर दिया है। इसके बाद पोर्टल पर करीब 30 हजार युवाओं ने आवेदन भी किया है।

दुष्यंत चौटाला ने किया ट्वीट

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ट्वीट कर इसे बड़ी जीत बताया है। चौटाला ने कहा है कि हरियाणा के युवाओं के अधिकारों की लड़ाई 75 फीसदी आरक्षण जॉब्स फॉर लोकल के मामले हमारी फिर जीत हुई है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसले देते हुए कानून पर लगे स्टे को हटा दिया है। मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि यह कानून सभी के हित में हैं और इस पर राजनीतिक मंशा से अड़ंगा नहीं लगाना चाहिए।

हरियाणा की औद्योगिक स्थिति

राज्य में बहुत सारी बड़ी और छोटी इंडस्ट्रियल यूनिट लगी हुई हैं। हरियाणा में कार, ट्रैक्टर, बाइक, साइकिल समेत कई उपकरण बनते हैं। हरियाणा देशभर में इनका सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। दुनियाभर में बासमती चावल का सबसे बड़ा निर्यातक भी हरियाणा है। पंचरंगा अचार के अलावा पानीपत में हथकरघे से बनी चीजें और कालीन भी विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। बड़े पैमाने पर इन्हें एक्सपोर्ट किया जाता है। हरियाणा की सबसे बड़ी इंडस्ट्रियल सिटी गुरुग्राम है। यहां कई प्राइवेट कंपनियों के हेड ऑफिस हैं।

30 हजार से कम सैलरी की नौकरी में लागू होगा आरक्षण

हरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट ऑफ लोकल कैंडिडेट एक्ट 2020 के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर में 75 फीसदी नौकरियां हरियाणा के मूल निवासियों को ही दी जाएंगी। यह आरक्षण 30 हजार रुपए से कम सैलरी वाली नौकरियों में ही लागू होगा। जिस जिले में कंपनी स्थापित है, वहां के केवल 10 फीसदी युवाओं को ही नौकरी में आरक्षण मिलेगा। बाकी 65 फीसदी आरक्षण प्रदेश के दूसरे जिलों के युवाओं को दिया जाएगा।

10 साल के लिए लागू होगा आरक्षण

शुरुआत में यह आरक्षण 10 साल के लिए लागू किया गया है। एक्ट के मुताबिक, प्राइवेट कंपनी, सोसाइटी, ट्रस्ट और पार्टनरशिप फर्में इसके दायरे में आएंगी। यदि स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित उम्मीदवार नहीं मिलेंगे, तो स्थानीय युवाओं को ट्रेनिंग देकर नौकरी के लायक बनाया जाएगा।

हरियाणा में डोमीसाइल कौन, इस पर भी कंफ्यूजन

याची पक्ष के वकील ईवान सिंह खोसा ने कहा कि हरियाणा में डोमीसाइल के मुद्दे पर भी दुविधा है। उन्होंने इस पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए पिछले महीने ही कुछ रूल्स निकलवाए थे मगर कुछ क्लियर नहीं हुआ। यदि कोई मूल रुप से हरियाणा का निवासी अन्य राज्य में रह रहा है तो क्या वह डोमीसाइल की श्रेणी में आता है। वहीं यदि कोई अन्य राज्य से आकर हरियाणा में लंबे समय से रहता हुआ वहां के सरकारी दस्तावेज बनवा लेता है तो क्या वह डोमीसाइल की श्रेणी में आएगा। यह सबसे अहम मुद्दा है। इस पर भी केस की सुनवाई के दौरान सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा जाएगा।

सियासी मियार की रिपोर्ट