Friday , December 27 2024

लेख

भारत में कार्यपालिका की सर्वोच्चता…

भारत में कार्यपालिका की सर्वोच्चता… -अजीत द्विवेदी- सैद्धांतिक रूप से भारत में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिक को समान रूप से लोकतंत्र के तीन स्तम्भों के रूप में रेखांकित किया गया है। शक्तियों के पृथक्करण सिद्धांत के तहत तीनों अंगों के कार्यों का बंटवारा किया गया है और उनके अधिकार तय …

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बढ़ रही कोरोना की तेज रफ्तार रहें होशियार…

बढ़ रही कोरोना की तेज रफ्तार रहें होशियार… -ऋतुपर्ण दवे- देश भर में एक बार फिर कोरोना दस्तक दे चुका है? लेकिन सच यही है कि कोरोना आने के बाद से ही कभी गया ही नहीं? हां, पाबंदियां हटती गईं और दबा संक्रमण धीरे-धीरे पसरता रहा और हम सब बेफिक्र …

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बदलते भारत का नेतृत्व, देश की प्रगति और उभरे विवाद…

बदलते भारत का नेतृत्व, देश की प्रगति और उभरे विवाद... -गिरीश लिंगन्ना- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में अपने आधिकारिक निवास का नाम लोक कल्याण मार्ग (एलकेएम) रखा। नया नाम मोदी की लोकलुभावनवाद और भारत के औपनिवेशिक अतीत को खत्म करने के झुकाव को दर्शाता है। सख्त सुरक्षा चौकी से …

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भाजपा के समीकरण…

भाजपा के समीकरण… दिग्गज और जनाधार वाले नेताओं को दरवाजा दिखा दिया गया है। यह इस बात का संकेत है कि पार्टी पर अब नरेंद्र मोदी-अमित शाह का समग्र नियंत्रण है। बाकी नेताओं के सत्ता के स्रोत भी यही दो शख्सियतें हैं। तीन राज्यों के मुख्यमंत्री का चयन करते हुए …

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लोकसभा के उपचुनाव क्यों नहीं कराए गए?

लोकसभा के उपचुनाव क्यों नहीं कराए गए? लोकसभा की चार सीटें खाली हैं और चुनाव आयोग ने उन पर उपचुनाव नहीं कराए। क्यों नहीं कराए इसका बहुत अजीब सा जवाब चुनाव आयोग के पास है, जो उसने बॉम्बे हाई कोर्ट में दिया। बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुणे लोकसभा सीट को …

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ड्रैगन की ओर इशारा करता स्मोक अटैक..

ड्रैगन की ओर इशारा करता स्मोक अटैक.. -डा. रवीन्द्र अरजरिया- पाकिस्तान के खस्ताहाल होने के बाद उसके आका ने भारत के विरुध्द भितरघातियों की पीठ पर हाथ रखकर चालें चलना शुरू कर दीं है। संसद में स्मोक अटैक के लिए स्वयंभू बुध्दिजीवियों के गिरोहों के माध्यम से नई तरह के …

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संसद में धुंआ : कहीं साजिश तो नहीं?

संसद में धुंआ : कहीं साजिश तो नहीं? -सुरेश हिंदुस्थानी- लोकतंत्र में सरकार की कार्यप्रणाली से सहमत या असहमत होना एक जायज प्रक्रिया का हिस्सा माना जाता है। रचनात्मक विरोध होना लोकतंत्र को और भी अधिक मजबूत बनाने का कार्य करता है। लेकिन अभी हाल ही में लोकसभा के अंदर …

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विकसित भारत के सपने..

विकसित भारत के सपने.. -डॉ सत्यवान सौरभ- “आधी रात को, जब दुनिया सोती है, भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जागेगा”। जवाहरलाल नेहरू का यह “ट्रिस्ट विद डेस्टिनी” भाषण उस सपने का प्रतीक था जिसे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने पूरा किया था। इसने हमें, भारत के लोगों द्वारा पालन किए …

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भाजपा का मुख्यमंत्री चयन : योग्यता नहीं ‘वफ़ादारी’ पैमाना..

भाजपा का मुख्यमंत्री चयन : योग्यता नहीं ‘वफ़ादारी’ पैमाना.. -तनवीर जाफ़री- चारा घोटाला के आरोप में जब 1997 में राष्ट्रीय जनता दल नेता व तत्कालीन मुख्यमंत्री बिहार, लालू यादव पर जेल जाने की तलवार लटकने लगी तो उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के रूप में बिहार जैसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री पद …

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बीमा कंपनियों की लूट सरकार मौन, इरडा की आंखें बंद..

बीमा कंपनियों की लूट सरकार मौन, इरडा की आंखें बंद.. -सनत जैन- केंद्र सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी देश के 87 फ़ीसदी लोगों के पास जीवन बीमा की पॉलिसी नहीं है। 73 फीसदी लोग स्वास्थ्य बीमा से वंचित हैं। राष्ट्रीय बीमा अकादमी की जो रिपोर्ट आई है, वह …

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