कविता : मेरी मम्मी लगती प्यारी..
-गुंजन-
सैलानी, उत्तराखंड

मेरी मम्मी मानो एक कहानी है,
मुझे लगती बहुत प्यारी है,
जब तुम दूर जाती हो,
क्यों नहीं मुझे बताती हो,
आपके साथ में रहना अच्छा लगता है,
दूर तुमसे अब कुछ नहीं भाता है,
तुम्हीं मेरा विश्वास हो, तुम्हीं हिम्मत हो,
क्यों नहीं रहती हर दम मेरे साथ हो,
अपनी सब तकलीफों मुझे बताया करो,
मैं अब समझने लगी हूँ, मुझे समझाया करो,
बहुत मुश्किलों से पाला है, यह समझ में आया है,
इतना आसान न था, बस यही बात बतानी है,
मेरी मम्मी मानो एक कहानी है।।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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