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चाय पीने के हैं शौकीन तो इस शहर में लें चुस्कियां, बढ़ जाएगा स्वाद…

चाय पीने के हैं शौकीन तो इस शहर में लें चुस्कियां, बढ़ जाएगा स्वाद…

भारत के अधिकतर शहरों में लोगों की सुबह चाय की चुस्कियों के साथ होती है। कई लोगों की नींद चाय से खुलती है तो किसी का अखबार चाय के बिना अधूरा रहता है। यह एक ऐसा पेय है जो गर्मियों से लेकर सर्दियों और मानसून हर मौसम में पिया जाता है। दिन भर की थकान गर्मागर्म चाय के स्वाद से ही छू मंतर हो जाती है। यहां जितनी ज्यादा चाय पी जाती है, उतनी ही उत्पादन की जाती है। भारत सबसे अधिक चाय उत्पादन वाले देशों में शामिल है। चाय के उत्पादन में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। तकरीबन 80 फीसदी चाय घरेलू उपयोग के लिए और 20 फीसदी निर्यात किया जाता है। भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण तक चाय का उत्पादन होता है। उत्तरी भाग में 83 फीसदी और दक्षिण भारत में 17 फीसदी चाय उगाई जाती है। भारत में एक ऐसा शहर भी है, जिसे चाय का शहर कहते हैं। इस स्थान को चाय की नगरी कहने का कारण भी है। अगर आप चाय पीने का शौक रखते हैं तो इस जगह के बारे में जरूर जान लें।

किसे कहते हैं चाय का शहर
डिब्रूगढ़ भारत का एकमात्र ऐसा शहर है, जो चाय उत्पादन के लिए मशहूर है। यह पूरे देश का एक महत्वपूर्ण चाय उत्पादन केंद्र है। डिब्रूगढ़ में असमिया चाय की खेती बड़े पैमाने पर होती है और यहां से चाय पूरी दुनिया में निर्यात की जाती है। चाय की अनोखी सुगंध, स्वाद और गहराई के कारण यह चाय अपने आप में अलग पहचान बनाती है।

कहां स्थित है चाय का शहर डिब्रूगढ़?
डिब्रूगढ़ भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थित असम राज्य का खूबसूरत शहर है, जिसे चाय की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। असम अपने समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों, वनस्पतियों और जीवों के लिए जाना जाता है। इसके अलावा असम पूरी दुनिया में अपने चाय के बागान के लिए प्रसिद्ध है।

डिब्रूगढ़ को क्यों कहते हैं चाय की नगरी
असम की चाय का इतिहास 19वीं शताब्दी से जुड़ा है, जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने यहां चाय की खेती शुरू की। धीरे-धीरे, असम चाय उद्योग का एक प्रमुख केंद्र बन गया और आज डिब्रूगढ़ चाय उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। यहां के चाय बागान न केवल देश के अंदर बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अत्यधिक लोकप्रिय हैं। असमिया चाय की पत्तियां अपने गहरे रंग, मजबूत स्वाद और ऊर्जा प्रदान करने वाले गुणों के लिए जानी जाती हैं। असम के डिब्रूगढ़ को चाय का शहर कहते हैं, क्योंकि यहां सबसे अधिक चाय का उत्पादन होता है।

डिब्रूगढ़ की खासियत

-इस शहर की सबसे बड़ी खासियत यहां के चाय बागान हैं। यहां के बागानों से उत्पादित असमिया चाय की गुणवत्ता अद्वितीय होती है, जो इसे वैश्विक बाजार में एक विशेष स्थान दिलाती है।
-डिब्रूगढ़ केवल चाय के बागानों के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। यहां के हरे-भरे चाय के बागानों, खूबसूरत पहाड़ियों, और ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर बसे होने के कारण यह स्थान अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है।
-डिब्रूगढ़ की संस्कृति भी असमिया परंपराओं और त्योहारों से समृद्ध है। यहां के स्थानीय त्योहार जैसे बिहू, असम के लोक संगीत और नृत्य इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को और भी खास बनाते हैं।

कैसे पहुंचें डिब्रूगढ़?

-डिब्रूगढ़ पहुंचने के लिए हवाई जहाज, ट्रेन और बस तीनों तरह के साधन उपलब्ध हैं। शहर का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा डिब्रूगढ़ से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मोहनबाड़ी एयरपोर्ट है। यहां दिल्ली, कोलकाता और गुवाहाटी से नियमित फ्लाइट्स उपलब्ध हैं।

-डिब्रूगढ़ में दो रेलवे स्टेशन है, एक डीबीआरजी और दूसरा डीबीआरटी। डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से डिब्रूगढ़ के लिए लगभग तीन ट्रेनें चलती हैं।

-सड़क मार्ग द्वारा भी आप इस शहर तक पहुंच सकते हैं। गुवाहाटी से डिब्रूगढ़ की दूरी लगभग 450 किलोमीटर है और यह यात्रा बस या टैक्सी द्वारा आसानी से की जा सकती है।

डिब्रूगढ़ के पर्यटन स्थल

चाय के बागान-डिब्रूगढ़ में आप चाय के हरे-भरे बागानों का दौरा कर सकते हैं और चाय की खेती से जुड़ी प्रक्रियाओं को नजदीक से देख सकते हैं।

ब्रह्मपुत्र नदी- ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर बसा डिब्रूगढ़ शहर अपने जलविहार के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का अद्भुत दृश्य देखा जा सकता है।

नामफाकाम मठ- यह मठ डिब्रूगढ़ के पास एक प्रमुख बौद्ध धार्मिक स्थल है और यह स्थान शांतिपूर्ण वातावरण के लिए जाना जाता है।

सियासी मियार की रीपोर्ट