इस सप्ताह महंगाई के आंकड़ों पर रहेगी शेयर बाजार की नजर…
- थोक महंगाई जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े भी इस सप्ताह अहम भूमिका निभाएंगे

मुंबई, 12 मई। भारत और पाकिस्तान तनाव से सहमे निवेशकों की बिकवाली के दबाव की वजह से बीते सप्ताह लगभग डेढ़ प्रतिशत तक लुढ़के घरेलू शेयर बाजार की इस सप्ताह अप्रैल के जारी होने वाली थोक और खुदरा महंगाई के आंकड़े पर नजर रहेगी। बाजार विश्लेषकों के अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बावजूद घरेलू शेयर बाजारों में निवेशकों की धारणा पर इसका सीमित प्रभाव देखने को मिला है। इस वर्ष अप्रैल में निरंतर विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) और रिकॉर्ड वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह ने भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती का संकेत दिया, जिससे बाजारों में स्थिरता बनी रही। कमजोर अमेरिकी डॉलर और स्थिर कच्चे तेल की कीमतों ने विदेशी निवेशकों का भरोसा और मजबूत किया है। भारत-ब्रिटेन के बीच संभावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की सकारात्मक चर्चा ने विशेष रूप से कपड़ा, ऑटोमोबाइल और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में तेजी को समर्थन दिया। वैश्विक स्तर पर भी संकेत उत्साहवर्धक रहे हैं। अमेरिका की फेडरल रिजर्व ओपेन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की नीतिगत बैठक के सतर्क रुख के बावजूद अमेरिका और चीन व्यापार वार्ता की संभावित बहाली तथा अमेरिका और ब्रिटैन व्यापार समझौते को लेकर आशावाद ने वैश्विक बाजारों को सहारा दिया। इसके साथ ही पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना द्वारा ब्याज दरों में कटौती के फैसले ने क्षेत्रीय बाजारों में सकारात्मक रुख को बढ़ावा दिया, जिससे निवेशकों का विश्वास और मजबूत हुआ। बाजार की इस सप्ताह दिशा निर्धारित करने में घरेलू स्तर पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई और थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित थोक महंगाई जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े अहम भूमिका निभाएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि मुद्रास्फीति के दबाव में कुछ नरमी देखने को मिल सकती है। हालांकि, भारत-पाकिस्तान के बीच जारी भू-राजनीतिक तनाव एक महत्वपूर्ण जोखिम बना हुआ है। बावजूद इसके बाजार को उम्मीद है कि भारत की कूटनीतिक, आर्थिक और सैन्य शक्ति इस संकट को जल्द सुलझा लेगी।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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