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दुनिया में बड़ा क्षेत्र बनता जा रहा है ‘बंजर’ भूमि..

दुनिया में बड़ा क्षेत्र बनता जा रहा है ‘बंजर’ भूमि..

बॉन/बगोटा, 19 जून । विश्व में जिस प्रकार मानवीय गतिविधियों के लिए व्यापक पैमाने पर भूमि का इस्तेमाल हो रहा है, उसे देखते हुए अगले 25 वर्षों में 1.6 करोड़ वर्ग किलोमीटर के आकार की भूमि बंजर बन जायेगी। यह क्षेत्र दक्षिण अमेरिका के आकार का है और इस बड़े हिस्से का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। संयुक्त राष्ट्र ने इस वर्ष के मरुस्थलीकरण और सूखा दिवस पर मंगलवार को यहां कोलंबिया के बगोटा में आयोजित सम्मेलन में यह चेतावनी जारी की।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अपने संदेश में कहा, ‘‘जो जमीन के लिए अच्छा है वह लोगों और अर्थव्यवस्थाओं के लिए भी अच्छा है। लेकिन मानवीय गतिविधियाें के लिए खतरनाक दर से भूमि का क्षरण किया जा रहा है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को हर साल लगभग 880 अरब डॉलर का खर्च झेलना पड़ रहा है।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सरकारों, कारोबारियों और समुदायों का आह्वान करता हूं कि वे भूमि के दीर्घकालिक उपयोग पर हमारी साझा वैश्विक प्रतिबद्धताओं पर कार्रवाई में तेजी लाये। हमें क्षरण की प्रक्रिया को रोकना चाहिए और भूमि की बहाली के लिए वित्त को बढ़ावा देना चाहिए, इसमें निजी निवेश भी आमंत्रित है।”
संयुक्त राष्ट्र ने यह भी कहा कि इस दौरान 1.5 अरब हेक्टेयर भूमि की ‘स्वस्थ बहाली’ से एक खरब डॉलर मूल्य की अर्थव्यवस्था को पुन स्थापित किया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र ने इस अवसर पर विश्व के नेताओं से कार्रवाई तेज करने का आग्रह किया।
इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीसीडी) के कार्यकारी सचिव इब्राहिम थियाव ने मरुस्थलीय भूमि से निपटने के मसले पर कहा, ‘‘यह वर्ष हमें हमारी बेकार हो रही भूमि को पुनर्जीवित करने के लाभों को उजागर करता है। ऐसे लाभ जिन्हें हम अनदेखा नहीं कर सकते, क्योंकि वैश्विक जनसंख्या 2050 तक 10 अरब तक पहुँचने वाली है। कम होते प्राकृतिक संसाधनों पर प्रतिस्पर्धा को रोकने में बहुत कुछ दांव पर लगा है। फिर पौष्टिक भोजन, स्वच्छ पानी और कच्चे माल के बिना कोई आजीविका नहीं है। उनके बिना कोई आर्थिक समृद्धि, राजनीतिक स्थिरता या स्थायी शांति नहीं हो सकती। बेहतर तरीके से प्रबंधित भूमि अंतहीन अवसरों वाली है और उनके लिये दरवाजें खोलना हम सभी पर निर्भर करता है।”
यूएनसीसीडी के नवीनतम विश्लेषण के अनुसार दुनिया भर में एक अरब हेक्टेयर बंजर भूमि को बहाल करने से सालाना 1.8 खरब डालर तक की आय हो सकती है। इसमें निवेश किये गये प्रत्येक डॉलर से बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं और आजीविका के माध्यम से सात से 30 डॉलर के बीच लाभ मिल सकता है। पहले से ही भूमि क्षरण और सूखे के संयुक्त प्रभावों से वैश्विक अर्थव्यवस्था को हर साल 878 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है जो 2023 में आधिकारिक विकास सहायता (ओडीए) के आंकड़े से तीन गुना अधिक है।
दुनिया की 45 प्रतिशत बंजर उप-सहारा अफ्रीका में है और यह 44 करोड़ हेक्टेयर से अधिक भूमि के लिए ‘वैश्विक भूमि बहाली’ प्रतिबद्धताओं में सबसे आगे है जिससे सहेल जैसे पिछड़े क्षेत्र में स्थायी कृषि और वानिकी क्षेत्रों में एक करोड़ की संख्या में अच्छे भूमि-आधारित रोजगार पैदा हो सकते हैं। लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई क्षेत्र में दुनिया की क्षरित भूमि का 14 प्रतिशत हिस्सा है और उनके पास 22 करोड़ हेक्टेयर से अधिक दूसरा सबसे बड़ा ‘पुनरुद्धार’ लक्ष्य है। यह क्षरित भूमि के विशाल भूभाग को पुनर्जीवित करने की क्षमता और प्रतिबद्धता दर्शाता है।
पश्चिमी एशिया और उत्तरी अफ्रीका में लगभग 90 प्रतिशत भूमि पहले से ही क्षरित हो चुकी है और बढ़ते तापमान, पानी की कमी और अनुपयुक्त कृषि प्रणालियों से लोगों और पारिस्थितिकी तंत्रों पर समान रूप से दबाव बढ़ रहा है। इन स्थानों पर 15 करोड़ हेक्टेयर से अधिक भूमि स्वस्थ बहाली के लिए निर्धारित है।
गौरतलब है कि मरुस्थलीकरण और सूखा दिवस का वैश्विक आयोजन कोलंबिया कर रहा है। यहां भूमि क्षरण इसके लगभग 30 प्रतिशत क्षेत्र को प्रभावित करता है और इसकी 40 प्रतिशत से अधिक मिट्टी लवणीकरण के प्रति संवेदनशील है, जिसका सीधा असर प्रत्येक दस में से एक कोलंबियाई व्यक्ति की आजीविका पर पड़ता है। इसलिए भूमि को संरक्षित करने, उसे स्थायी रूप से प्रबंधित करने और पुनर्जीवित करने की तत्काल आवश्यकता है। वर्तमान में कोलंबिया अपनी 560,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि को बहाल कर रहा है।
कोलंबिया की कृषि मंत्री मार्था कार्वाजालिनो ने भूमि सुधार और बहाली के लिए एकीकृत दृष्टिकोण पर जोर देते हुए कहा कि कोलंबिया में न्यायसंगत भूमि वितरण पर्याप्त नहीं है। हमें अपनी भूमि और मिट्टी को भी स्वस्थ करना होगा। दुनिया भर में भूमि बहाली खाद्य सुरक्षा और रोजगार की नींव रखती है, जलवायु एवं जैव विविधता को रेखांकित करती है जो शांति और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए आवश्यक है।
इस दौरान यूएनसीसीडी के उप कार्यकारी सचिव एंड्रिया मेजा ने कहा, ‘‘मैं देश के विकास, जैव विविधता और जलवायु एजेंडे के केंद्र में स्वस्थ भूमि को रखने के लिए कोलंबिया की सराहना करता हूं। भूमि बहाली करना न केवल एक पर्यावरणीय आवश्यकता है बल्कि एक पर्यावरणीय न्याय अनिवार्यता, स्थिरता और समृद्धि के लिए एक शर्त है।”

सियासी मियार की रीपोर्ट