Sunday , November 23 2025

भारत ही नहीं यूरोप के देशों में बढ़ रहा तापमान, आसमान से बरस रही आग

भारत ही नहीं यूरोप के देशों में बढ़ रहा तापमान, आसमान से बरस रही आग

एल ग्रानाडो,यूरोप के ज्यादातर देश खूबसूरत नजारों से पटे हैं और वहां का मौसम भी बेहद खुशनुमा होता है। 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर का तापमान हम भारतीयों के लिए सामान्य है, लेकिन यूरोप के लोगों के लिए यह सामान्य नहीं है। पिछले कई दिनों से यूरोप में भीषण गर्मी पड़ रही है। पुर्तगाल, स्पेन, फ्रांस और इटली में लू चल रही हैं और तापमान 40 डिग्री से भी ऊपर पहुंच गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्पेन के एल ग्रानाडो शहर में 46 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है। दुनिया की फैशन कैपिटल पेरिस में भी तापमान 40 पर पहुंच गया, जिसके कारण पूरे महाद्वीप के कई देशों में गर्मी का अलर्ट जारी किया गया है। यह हीटवेव न केवल तापमान बढ़ने का कारण बन रही हैं, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों को भी बढ़ा रही हैं।
2024 की रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप पृथ्वी पर सबसे तेजी से तापमान बढ़ाने वाला महाद्वीप है। यह 1980 के दशक के बाद से वैश्विक औसत से दोगुनी गति से गर्म हो रहा है। पुर्तगाल में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है, जिसकी वजह से अधिकारियों ने 18 में से सात जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। जून में सात जिलों में देश में अब तक का सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया, जिसमें लिस्बन के पश्चिम में मोरा शहर में 46.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। पिछला रिकॉर्ड 2017 में 44.9 डिग्री सेल्सियस था। पुर्तगाल में तापमान बढ़ने के साथ ही अब तक का सबसे बुरा दौर देखने को मिल रहा है।
रिपोर्अ के मुताबिक स्पेन की राष्ट्रीय मौसम सेवा ने बताया कि बार्सिलोना जून माह 1914 के बाद से सौ सालों में सबसे गर्म रहा। शहर के ऊपर एक पहाड़ी पर स्थित फबरा वेधशाला ने 26 डिग्री सेल्सियस का औसत तापमान दर्ज किया गया, जो 2003 के जून के सबसे गर्म औसत तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा है। हालांकि स्पेन भी बढ़ते तापमान से अछूता नहीं है, लेकिन बार्सिलोना आमतौर पर पहाड़ियों और भूमध्य सागर के बीच स्थित होने के कारण इससे बचा रहता है।
फ्रांस ने 16 विभागों को हाई रेड अलर्ट पर रखा है, जबकि 68 अन्य को ऑरेंज अलर्ट के तहत रखा है। फ्रांस के पीएम फ्रांस्वा बायरू ने कहा कि हम जोखिमों और बरती जा रही सावधानियों पर नजर रख रहे हैं। जून में बारिश की कमी और बढ़ते तापमान के कारण मौसम एजेंसी ने जंगल में आग लगने के बढ़ते खतरे की भी चेतावनी दी है। जलवायु विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि भविष्य में भीषण गर्मी पड़ने की आशंका अधिक होगी और इसमें अधिक बढ़ोतरी होगी।
इटली के 27 प्रमुख शहरों में से 17 में भीषण गर्मी पड़ रही है। हालिया रिपोर्टों से पता चलता है कि इटली की राजधानी रोम में तापमान लगातार कई सप्ताह से 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है। इटली पिछले 50 सालों में बढ़ते तापमान से सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है।
बेल्जियम में पड़ रही गर्मी का असर वहां के ट्रेन संचालन पर पड़ा है। ओवरहेड लाइनों के ज्यादा गरम होने से बचाने के लिए कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। रेल संचालकों ने यात्रियों को चेतावनी दी है कि वे भीड़-भाड़ वाले समय में ट्रेन में न चढ़ें। संभव हो तो घर से ही काम करें और पर्याप्त पानी साथ रखें। सभी प्रमुख स्टेशनों पर निःशुल्क पानी के फव्वारे उपलब्ध कराए गए हैं। बेल्जियम में पिछले कुछ दिनों से लोगों को 30 डिग्री सेल्सियस तापमान सहना पड़ा रहा है। वैसे वहां का तापमान 20 से 25 डिग्री के बीच रहता है।
यूरोप में इस समय जबरदस्त गर्मी पड़ने का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन हैं। यूरोपीय तटों के आसपास अटलांटिक महासागर की सतह सामान्य से अधिक गर्म है, जिससे नमी और सतही तापमान बढ़ता है। उत्तरी अफ्रीका से गर्म और शुष्क हवाएं यूरोप में आ रही हैं, जिससे तापमान और बढ़ जाता है। शहरी क्षेत्रों में ‘हीट आइलैंड’ प्रभाव के कारण गर्मी और भी बढ़ जाती है, जहां इमारतों की भीड़ गर्मी को बढ़ा देती है।

सियासी मियार की रीपोर्ट