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राज्यसभा पहुंचे हर्षवर्धन श्रृंगला-मीनाक्षी जैन; एक विदेश नीति के माहिर तो दूसरी इतिहास की जानकार…

राज्यसभा पहुंचे हर्षवर्धन श्रृंगला-मीनाक्षी जैन; एक विदेश नीति के माहिर तो दूसरी इतिहास की जानकार…

नई दिल्ली, 13 जुलाई मुर्मु ने चार प्रतिष्ठित हस्तियों को राज्यसभा के लिए नामित किया है। इनमें उज्जवल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला, मीनाक्षी जैन और सदानंदन मस्ते का नाम शामिल है। केंद्र सरकार की सिफारिश पर शनिवार को गृह मंत्रालय ने इसका गजट नोटिफिकेशन जारी किया। इस खास रिपोर्ट में हम पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और प्रख्यात इतिहासकार डॉ. मीनाक्षी जैन के बारे में प्रमुखता से जानेंगे।

35 वर्षों की शानदार कूटनीतिक पारी
हर्षवर्धन श्रृंगला भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के 1984 बैच के अधिकारी रहे हैं। अपने 35 साल के करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी हैं। वे अमेरिका में भारत के राजदूत (2019), बांग्लादेश में उच्चायुक्त और थाईलैंड में भारत के राजदूत रह चुके हैं। उन्होंने फ्रांस (यूनेस्को), अमेरिका (संयुक्त राष्ट्र), वियतनाम, इस्राइल और दक्षिण अफ्रीका में भी काम किया है। विदेश मंत्रालय में वे संयुक्त सचिव के तौर पर बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार और मालदीव मामलों के प्रभारी रहे।

विदेश सचिव के रूप में अहम जिम्मेदारी
29 जनवरी 2020 को श्रृंगला भारत के 33वें विदेश सचिव बने। उन्होंने कोविड-19 महामारी, भारत-चीन सीमा तनाव, और वैश्विक कूटनीतिक बदलावों के समय विदेश नीति को दिशा दी। 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए उन्हें मुख्य समन्वयक बनाया गया। सेंट स्टीफन कॉलेज से स्नातक हर्षवर्धन ने भारतीय विदेश सेवा में आने से पहले कॉर्पोरेट और सार्वजनिक क्षेत्र में भी काम किया है। वहीं, अब श्रृंगला राज्यसभा में अपनी आवाज को मजबूती देते नजर आएंगे।

इतिहास लेखन में गहराई से उतरीं डॉ. मीनाक्षी जैन
भारत की प्राचीन सभ्यता, धार्मिक धरोहर और सांस्कृतिक चेतना पर ऐतिहासिक दृष्टिकोण से काम करने वाली प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. मीनाक्षी जैन इतिहास, संस्कृति और सभ्यता के गहन अध्ययनों के लिए जानी जाती हैं। भारत सरकार ने उन्हें साल 2020 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा था।

इन्होंने गर्गी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास की एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में सेवाएं दी हैं। ये नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी की फेलो रह चुकी हैं और इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टॉरिकल रिसर्च की गवर्निंग काउंसिल की सदस्य भी रही हैं। वर्तमान में ये इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च की सीनियर फेलो हैं।

ऐतिहासिक दृष्टिकोण से विश्लेषण
डॉ. जैन का शोध मध्यकालीन और औपनिवेशिक भारत पर केंद्रित रहा है। उन्होंने धार्मिक-सांस्कृतिक विकास पर गहन शोध किया है। उनके चर्चित शोध ग्रंथों में ‘राम और अयोध्या’, ‘दि बैटल फॉर राम’, ‘सती’, और ‘फ्लाइट ऑफ डीटीज एंड रिबर्थ ऑफ टेम्पल्स’ जैसी पुस्तकें शामिल हैं। इन सभी ग्रंथों में उन्होंने भारतीय धर्म, समाज और आस्था से जुड़े ऐतिहासिक पक्षों को प्रमाणों के साथ प्रस्तुत किया है।

मंदिर परंपरा पर आधारित व्याख्यान
डॉ. मीनाक्षी जैन ने भारतीय सभ्यता में मूर्ति पूजा की परंपरा और मंदिरों की सुरक्षा को लेकर दो विशेष व्याख्यान दिए। पहला व्याख्यान मूर्ति पूजा की उत्पत्ति और भारतीय संस्कृति में उनके महत्व पर केंद्रित था। इसमें मध्य प्रदेश, राजस्थान और मथुरा जैसे क्षेत्रों में पहली शताब्दी ईसा पूर्व से मिले पुरातात्विक साक्ष्यों को बताया गया।

दूसरे व्याख्यान में उन्होंने दर्शाया कि कैसे मल्तान से लेकर केरल तक आस्था के प्रतीकों को श्रद्धालुओं ने हर संकट में बचाने का प्रयास किया। उन्होंने मंदिर महात्म्य, शिलालेखों, वंशावली, और विदेशी यात्रियों के लेखों का भी हवाला दिया जो भारत में मंदिर पुनर्निर्माण की संस्कृति को उजागर करते हैं।

राज्यसभा में उनकी नियुक्ति भारतीय संस्कृति, इतिहास और अकादमिक विमर्श को नई दिशा दे सकती है। डॉ. मीनाक्षी जैन की उपस्थिति संसद में इतिहास और शोध आधारित दृष्टिकोण को मजबूती देने में सहायक हो सकती है। उनके शोध और योगदान आने वाले वर्षों में भारतीय नीतियों में वैचारिक गहराई जोड़ सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने की तारीफ, बताया प्रेरणास्रोत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों नामित सदस्यों की सराहना करते हुए कहा कि हर्षवर्धन श्रृंगला एक कुशल रणनीतिक विचारक और कूटनीतिज्ञ हैं जिन्होंने भारत की विदेश नीति को मजबूती दी। वहीं, डॉ. मीनाक्षी जैन के शोध कार्यों ने भारत के अकादमिक जगत को समृद्ध किया है। उनका राज्यसभा में नामांकन भारत के वैचारिक और शैक्षणिक दृष्टिकोण को और मजबूती देगा।

उज्ज्वल निकम और सदानंदन मस्ते भी हुए मनोनीत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 26/11 हमले के आरोपी कसाब को फांसी दिलाने वाले वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम को राज्यसभा के लिए नामित किया है। उन्हें कानूनी क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान मिला है। इससे पहले भाजपा ने उन्हें मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से पूनम महाजन की जगह लोकसभा उम्मीदवार बनाया था।

राज्यसभा के लिए नामित सी. सदानंदन स्ते केरल से भाजपा सदस्य हैं और पूर्व शिक्षक रह चुके हैं। 2021 में उन्हें विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया था। 25 जनवरी 1994 को उनके गांव पेरिंचेरी के पास सीपीआई(एम) कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दोनों पैर काट दिए थे। वे राजनीतिक हिंसा के प्रतीक माने जाते हैं।

सियासी मियार की रीपोर्ट