तुर्की खरीदने जा रहा 40 यूरोफाइटर जेट, खलीफा एर्दोगन के मिडिल ईस्ट प्लान से खतरे में भारत के 3 दोस्त…

अंकारा, 24 जुलाई। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन अपनी एयरफोर्स को विश्वस्तरीय बनाना चाहते हैं। ड्रोन सुपर पावर बन चुका तुर्की अब जर्मनी और ब्रिटेन से 40 अत्याधुनिक यूरोफाइटर टाइफून जेट खरीदने जा रहा है। नाटो देश तुर्की यह फाइटर जेट ऐसे समय पर खरीद रहा है जब पूरे इलाके में तनाव काफी बढ़ा हुआ है। यही नहीं तुर्की अपने पड़ोसी देशों ग्रीस और इजरायल को डराने-धमकाने की कोशिश कर रहा है। तुर्की और ब्रिटेन तथा जर्मनी के बीच एक समझौते पर सहमति बन गई है। यूरो फाइटर जेट 4.5 पीढ़ी का अत्याधुनिक फाइटर जेट है जिसकी तुलना फ्रांस के राफेल और अमेरिकी एफ-16 जेट से होती है। यूरो फाइटर जेट को ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और स्पेन मिलकर बनाते हैं। यह पूरी डील 5.6 अरब डॉलर की बताई जा रही है।
तुर्की पहले अमेरिका से एफ-35 फाइटर जेट खरीदना चाहता था लेकिन अमेरिका ने इसकी अब तक मंजूरी नहीं दी है। इसके पीछे बड़ी वजह रूसी एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम और इजरायल है। तुर्की ने रूस से एस-400 खरीदा है जिसे अमेरिका छोड़ने के लिए कहा रहा है। इसी वजह से तुर्की साल 2023 से ही यूरो फाइटर जेट खरीदने के लिए प्रयास कर रहा था। तुर्की की इस चाल का जर्मनी की सरकार विरोध कर रही थी। जर्मनी के इस कदम के पीछे भारत के तीन दोस्त हैं। ये देश हैं इजरायल, ग्रीस और साइप्रस। तुर्की इन तीनों ही देशों को लगातार धमकाने और डराने में जुटा हुआ है।
तुर्की और ग्रीस दोनों नाटो सदस्य
इजरायल और ईरान के बीच चले 12 दिनों के युद्ध के बाद तुर्की के खलीफा खौफ में जी रहे हैं। इजरायली एयरफोर्स के 2000 किमी दूरी ऐक्शन से डरे तुर्की के राष्ट्रपति ने एक बार फिर से यूरो फाइटर जेट के लिए अपनी कोशिश को बढ़ा दिया। तुर्की के अधिकारियों ने बताया कि एर्दोगन सरकार जर्मनी की उस शर्त को मानने के लिए तैयार हो गई है जिसमें कहा गया था कि इन विमानों का नाटो की जनरल गाइडलाइन के तहत ही इस्तेमाल किया जाए। इससे अब तुर्की इन लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल अपने साथी नाटो देश यानि ग्रीस के खिलाफ नहीं कर पाएगा।
ग्रीस और तुर्की दोनों ही नाटो के सदस्य देश हैं और समुद्री सीमा और पूर्वी भूमध्य सागर में गैस निकालने के अधिकार और साइप्रस को लेकर दोनों के बीच विवाद है। अगर इनमें से कोई भी देश सैन्य बढ़त हासिल करता है तो इससे अंकारा और एथेंस के बीच हथियारों की रेस शुरू हो सकती है। वहीं यूरोपीय यूनियन चाहता है कि तुर्की को भी मजबूत किया जाए ताकि अगर रूस नाटो देशों पर हमला करता है तो उसका करारा जवाब दिया जा सके। तुर्की के अधिकारियों ने कहा है कि इस डील को फाइनल करने से पहले और ज्यादा बातचीत की जरूरत है।
तुर्की के प्लान से इजरायल में बवाल
ब्रिटेन और जर्मनी के इस कदम से इजरायल भड़क उठा है। इजरायल के विपक्षी नेता यैर लापिड ने एक कड़ा बयान जारी किया है और कहा कि नेतन्याहू सरकार इस डील को रोकने में नाकाम रही। उन्होंने कहा कि तुर्की के पास मिडिल ईस्ट में सबसे बड़ी और शक्तिशाली नेवी है और अब वह हवा में भी इजरायल की बराबरी करना चाहता है। यह खतरनाक है। बता दें कि यूरोफाइटर जेट की डील के अलावा तुर्की अपना पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट कान भी विकसित कर रहा है। यही नहीं तुर्की अमेरिका को 40 एफ-35 फाइटर जेट देने के लिए भी लालच दे रहा है।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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