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देश के किसानों, पशुपालकों, मछुआरों के हितों से समझौता नहीं करेगी सरकार: मोदी….

देश के किसानों, पशुपालकों, मछुआरों के हितों से समझौता नहीं करेगी सरकार: मोदी….

नई दिल्ली, 16 अगस्त । स्वतंत्रता दिवस समारोह में लाल किले से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने किसानों के हितों के लिए एक बार फिर अपनी आवाज बुलंद की। ट्रंप प्रशासन से चल रहे टैरिफ तनाव के बीच पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए दीवार की तरह खड़ी रहेगी। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने वैश्विक व्यापार में बढ़ती चुनौतियों का सामना करने के लिए भारतीय युवाओं और निजी क्षेत्र से आत्मनिर्भरता और बेहतर स्टार्टअप अपनाने का आह्वान किया।

लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा, “भारत के किसान, पशु पालक और मछुआरे हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता हैं। उनसे जुड़ी किसी भी अहितकारी नीति के आगे मोदी दीवार बनकर खड़ा है। भारत अपने किसानों, पशु पालकों और मछुआरों के संबंध में कभी भी कोई समझौता स्वीकार नहीं करेगा।”

अमेरिका से बढ़ते टैरिफ तनाव के बीच पीएम मोदी का किसानों के हितों के लेकर यह लगातार दूसरा बयान हैं। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 50 फीसदी टैरिफ लगाने के पीएम मोदी ने दूसरे देशों पर अत्यधिक निर्भरता के खतरों के प्रति भी आगाह किया। उन्होंने कहा, “जो लोग दूसरों पर बहुत ज्यादा निर्भर रहते हैं, वह अपनी आजादी पर एक सवालिया निशान लगा देते हैं। असली दुर्भाग्य तो तब शुरू होता है, जब निर्भरता एक आदत बन जाती है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता केवल आयात, निर्यात या मुद्रा तक सीमित नहीं है बल्कि यह देश की क्षमताओं से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा, “जब आत्मनिर्भरता कम होने लगती है, तो हमारी ताकत भी कम होने लगती है। अपनी क्षमताओं को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए, हमें सतर्क रहना होगा।”

अमेरिका का नाम लिए बिना पीएम ने कहा कि हमें दूसरों की लाइन छोटी करने की बजाय अपनी लाइन बड़ी करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें किसी और की लाइन को छोटा करने की कोशिश में अपनी ऊर्जा बर्बाद नहीं करनी चाहिए। हमें पूरी ऊर्जा के साथ अपनी लाइन को आगे बढ़ाना होगा तभी दुनिया हमारी ताकत का सम्मान करेगी।”

आपको बता दें ट्रंप के सत्ता में आने के बाद भारत और अमेरिका के बीच में ट्रेड डील को लेकर बात चल रही थी। प्रस्तावित बीटीए में अमेरिका मक्का, सोयाबीन, सेब, बादाम और एथनॉल जैसे उत्पादों पर शुल्क कम करने के साथ ही अमेरिकी डेयरी उत्पादों की पहुंच बढ़ाने की मांग कर रहा था। हालांकि, नई दिल्ली ने इन मांगों का कड़ा विरोध किया है, क्योंकि इनका सीधा असर किसानों पर पड़ेगा। इसी कारण से भारत और अमेरिका के बीच में ट्रेड डील पर सहमति नहीं बन पाई।

सियासी मियार की रीपोर्ट