देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर अगस्त में 15 साल के उच्च स्तर पर…
नई दिल्ली, देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर अगस्त में 15 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई। यह मांग की स्थिति में पर्याप्त सुधार के बीच नए ऑर्डर एवं उत्पादन में तेज वृद्धि से प्रेरित रही। बुधवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई।
मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक जुलाई के 60.5 से अगस्त में 62.9 पर आ गया। यह जून 2010 के बाद से विस्तार की सबसे तेज दर दर्शाता है। क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम का आशय संकुचन से होता है।
सर्वेक्षण के अनुसार, अगस्त के दौरान मांग में उल्लेखनीय सुधार ने नए ऑर्डर एवं गतिविधियों की वृद्धि को 15 वर्ष में अपने उच्च स्तर पर पहुंचा दिया।
एचएसबीसी के भारत के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘सेवा गतिविधि की वृद्धि दर 15 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई। नए ऑर्डर में बढ़ोतरी के दम पर यह जुलाई के 60.5 से बढ़कर अगस्त में 62.9 हो गई। ’’
कीमतों के मोर्चे पर मुद्रास्फीति की दर नौ महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। इस बीच, मांग में उछाल ने जुलाई 2012 के बाद से उत्पादन शुल्क में सबसे तेज वृद्धि को संभव बनाया।
इस बीच, एचएसबीसी इंडिया कम्पोजिट आउटपुट सूचकांक जुलाई के 61.1 के मुकाबले अगस्त में 63.2 रहा। यह 17 वर्ष में विस्तार की सबसे तीव्र गति को दर्शाता है।
भंडारी ने कहा, ‘‘अगस्त में समग्र पीएमआई 63.2 के 17 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया जो विनिर्माण एवं सेवा दोनों क्षेत्रों में मजबूत व्यापक-आधारित उत्पादन वृद्धि का संकेत देता है।’’
समग्र पीएमआई सूचकांक तुलनीय विनिर्माण व सेवा पीएमआई सूचकांकों का भारित औसत है। ये भार आधिकारिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्रों के सापेक्ष आकार को दर्शाते हैं।
एचएसबीसी इंडिया सेवा पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 सेवा क्षेत्र की कंपनियों के समूह को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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