Sunday , November 23 2025

चलो हम प्यार करें..

चलो हम प्यार करें..

-कुलदीप प्रजापति ‘विद्यार्थी’-

छोड़ो यह तकरार, चलो हम प्यार करें,
तुम मानो मेरी बात, चलो हम प्यार करें!
हिम शिखर से हिम चुराकर अपना मन शीतल कर लो,
बागों से खिलती कलियां चुन, तुम अपनी झोली भर लो,
नील गगन में उड़ते पंछी, जैसे हम आजाद उड़े,
प्रेम नगर की प्रेम डगर पर कितने वर्षो बाद खड़े,
भूल-भाल कर बीती बातें, क्यों न हम इजहार करें,
छोड़ो यह तकरार, चलो हम प्यार करें,
तुम मानो मेरी बात, चलो हम प्यार करें!
रंग बिरंगी कोमल तितली की सी तेरी काया है,
घनघोर घटा जुल्फे जैसे काला सा बादल छाया है
नयन, तुम्हारे देख नयन को प्यारा सा अहसास हुआ,
चांद से बेहतर लगती हो पागल मन को आभास हुआ,
खोकर के एक दूजे में अब, क्यों न हम इकरार करें,
छोड़ो यह तकरार, चलो हम प्यार करें,
तुम मानो मेरी बात, चलो हम प्यार करें!
मुस्काते लब हैं तेरे और लब पर एक काला तिल हैं,
काले तिल की यादों में हमने खोया अपना दिल है,
कोयल सी आवाज तुम्हारी, कानो में जब बजती है,
तेरी एक तस्वीर मेरी आंखों में आकर सजती हैं,
तुम में हम और हम में तुम हो, कुछ ऐसा व्यवहार करें,
छोड़ो यह तकरार, चलो हम प्यार करें,
तुम मानो मेरी बात, चलो हम प्यार करें!

सियासी मियार की रीपोर्ट