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शीर्ष 10 सोना उत्पादक देशों की लिस्ट जारी, चीन है नंबर-1 पर

शीर्ष 10 सोना उत्पादक देशों की लिस्ट जारी, चीन है नंबर-1 पर

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और बाजार में उथल-पुथल के बीच निवेशक सोने को सुरक्षित विकल्प मानकर इसमें निवेश कर रहे हैं। भारत में 10 ग्राम सोने की कीमत 1.22 लाख रुपये तक पहुंच गई है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने 2025 में दुनिया के शीर्ष 10 सोना उत्पादक देशों की लिस्ट जारी की है। सबसे पहले नंबर पर चीन है, जिसने 380.2 टन सोना उत्पादन किया। देश के शांडोंग, हेनान और जियांग्झी प्रांत इस उत्पादन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। चीन घरेलू और विदेशी सोना संपत्तियों में भारी निवेश कर रहा है और वैश्विक सोना बाजार में अपनी पकड़ मजबूत बनाए हुए है। दूसरे नंबर पर रूस है, जिसने 330 टन सोने का उत्पादन किया। साइबेरिया और दूर पूर्व के विशाल भंडार और राजनीतिक अलगाव ने खनन पर निर्भरता बढ़ा दी है। तीसरे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया है, जहां 284 टन सोने का उत्पादन हुआ।

वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के खदान क्षेत्रों में एडवांस टेक्नोलॉजी और स्थिर नियमों के कारण उत्पादन लगातार मजबूत रहा है। चौथे नंबर पर कनाडा है, जिसने 202.1 टन सोना उत्पादन किया। ओंटारियो, क्यूबेक और ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत यहां की प्रमुख खदानें हैं। पांचवें स्थान पर अमेरिका है, जहां 158 टन सोना निकला। नेवाडा राज्य अमेरिकी सोने का मुख्य केंद्र है और ऊंची कीमतों का लाभ अमेरिकी उत्पादकों को मिला। छठे नंबर पर अफ्रीका का सबसे बड़ा उत्पादक घाना है, जिसने 140.6 टन सोना निकाला। सरकार ने छोटे स्तर के खनन को वैध बनाने और विदेशी निवेश लाने के लिए सुधार किए हैं। सातवें नंबर पर मैक्सिको है, 140.3 टन उत्पादन के साथ, जबकि आठवें नंबर पर इंडोनेशिया है, जिसने 140.1 टन सोना निकाला। पापुआ के ग्रासबर्ग माइन ने इसमें खास योगदान दिया। नौवें नंबर पर पेरू है, जिसने 136.9 टन सोना उत्पादित किया।

हालांकि राजनीतिक अस्थिरता और विरोध प्रदर्शनों ने उद्योग को झटका दिया, लेकिन सोना अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ बना हुआ है। दसवें नंबर पर उज्बेकिस्तान है, जिसने 132 टन सोना उत्पादन किया। नावोई माइनिंग जैसी सरकारी कंपनियों और विदेशी साझेदारियों से देश अपनी खनिज संपदा का फायदा उठा रहा है। वैश्विक बाजार में प्रमुख खिलाड़ियों में चीन, रूस और ऑस्ट्रेलिया का दबदबा साफ नजर आता है, जबकि भारत घरेलू मांग के बावजूद उत्पादन में शीर्ष 10 में जगह बनाने में पीछे है। फिलहाल, इस लिस्ट में भारत शामिल नहीं है।

सियासी मियार की रिपोर्ट