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बीमा बाजार में बढ़ेगा एलआईसी का दबदबा, सरप्लस फंड के वितरण से जुड़े नियमों में बदलाव से बढ़ेगा लाभ…

बीमा बाजार में बढ़ेगा एलआईसी का दबदबा, सरप्लस फंड के वितरण से जुड़े नियमों में बदलाव से बढ़ेगा लाभ…

नई दिल्ली, 21 फरवरी । सरप्लस फंड या मुनाफे के वितरण से जुड़े नियमों में बदलाव की वजह से एलआइसी का मुनाफा 9.9 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत तक हो सकता है। इससे बीमा बाजार पर उसका दबदबा आने वाले समय और बढ़ सकता है। स्विस ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस ने यह संभावना आइपीओ की मंजूरी के लिए सेबी के पास दाखिल दस्तावेज का विश्लेषण करने के बाद जताई है। ब्रोकरेज फर्म के विश्लेषण के अनुसार, नियमों में इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर एसबीआइ लाइफ, आइसीआइसीआइ प्रूडेंशियल, एचडीएफसी लाइफ और मैक्स लाइफ जैसी जीवन बीमा कंपनियों पर होगा। सरकार ने एलआइसी के सरप्लस फंड या मुनाफे के वितरण से जुड़े नियमों में बदलाव कर इसके लाभ में वृद्धि का रास्ता आसान बनाया है। इसकी वजह से बीमा कंपनी अपने कारोबार में पार्टिसिपेटिंग पालिसी के साथ नान-पार्टिसिपेटिंग पालिसी को भी 10 प्रतिशत जगह दे सकेगी, जो फिलहाल महज चार प्रतिशत है। इससे एलआइसी अपने लाभ को 20 प्रतिशत तक भी लेकर जा सकती है। हालांकि ब्रोकरेज फर्म का यह अनुमान इस धारणा पर आधारित है कि एलआइसी का बीमा कारोबार पूरी तरह से नए सरप्लस डिस्ट्रीब्यूशन की तरफ स्थानांतरित हो जाएगा। वर्तमान में नान पार्टिसिपेटिंग पालिसी सौ प्रतिशत और पार्टिसिपेटिंग पालिसी 10 प्रतिशत है। पार्टिसिपेटिंग इंश्योरेंस पालिसी के तहत पालिसीधारकों को बोनस या डिविडेंड के तौर पर गारंटीड व नान-गारंटीड वाले दोनों लाभ दिए जाते हैं जबकि नान पार्टिसिपेटिंग पालिसी में पालिसीधारक को अमूमन गारंटीड बेनिफिट मिलते हैं। उन्हें लाभ या डिविडेंड नहीं दिया जाता है। फिलहाल एलआइसी का अपने नए कारोबार प्रीमियम का सिर्फ चार प्रतिशत ही नान-पार्टिसिपेटिंग पालिसी से आता है। इसके उलट निजी क्षेत्र की शीर्ष बीमा कंपनियों का यह अनुपात 20 से 45 प्रतिशत तक है।

सियासी मियार की रिपोर्ट