सही सनस्क्रीन, खूबसूरत त्वचा..

गर्मी के मौसम में त्वचा को सूर्य की खतरनाक अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाने की कवायद शुरू हो जाती है। इस दौरान सबसे बड़ी चनौती है त्वचा को सनबर्न से बचाना। सूर्य की हानिकारक अल्ट्रा वायलेट किरणें त्वचा के लिए किसी जोखिम से कम नही हैं।
सूर्य की हानिकारक अल्ट्रा वायलेट किरणें न केवल त्वचा को जलाती हैं, बल्कि इससे स्किन कैंसर की आशंका भी बढ़ती है। त्वचा को इन हानिकारक किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन लोशन का प्रयोग बहुत जरूरी है। यदि आप सनस्क्रीन लोशन का चुनाव कर रही हैं तो सबसे ज्यादा जरूरी है त्वचा के हिसाब से सही सनस्क्रीन लोशन की पहचान और उसे सही तरीके से लगाने की विधि की जानकारी होना।
त्वचा के अनुसार चुनें सनस्क्रीन:- सनस्क्रीन का चुनाव अपनी त्वचा के अनुसार ही करें। अधिकांश लोगों की शिकायत होती है कि सनस्क्रीन लगाने के बाद उनकी त्वचा बहुत तैलीय हो जाती है इसलिए वे सनस्क्रीन नहीं लगाते। त्वचा तैलीय है तो स्प्रे या फिर जेल टाइप की सनस्क्रीन का प्रयोग करें। यह आपके रोमछिद्रों को बंद नहीं करेगा और त्वचा तैलीय भी नहीं होगी। जबकि शुष्क त्वचा के लिए मॉइस्चराइजर बेस्ड सनस्क्रीन लोशन का प्रयोग करना चाहिए। यदि सनस्क्रीन लगाने के बाद आपकी त्वचा की चमक खो जाती है तो समझिए कि यह सनस्क्रीन आपकी त्वचा के लिहाज से ठीक नहीं है। इसलिए हमेशा मैट फिनिश वाली सनस्क्रीन चुनें।
यूवीए और यूवीबी प्रोटेक्शन है जरूरी:- सनस्क्रीन लोशन त्वचा को सूर्य की अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाता है, लेकिन ये किरणें दो प्रकार की होती हैं – यूवीए और यूवीबी। यूवीए किरणें त्वचा की पिग्मेंटेशन को बढ़ाती है, जबकि यूवीबी किरणें टैनिंग और स्किन कैंसर के लिए जिम्मेदार हैं। इसलिए यूवीए से बचाव के लिए ‘एसपीएफ’ का चिन्ह और यूवीबी से बचाव के लिए ‘पीए’ का प्रतीक अवश्य जांच लीजिए। यूवीबी किरणों से बचाव के लिए आपका सनस्क्रीन कम से कम एसपीएफ 30 वाला होना चाहिए। त्वचा की रक्षा करने के लिए इतना एसपीएफ पर्याप्त होता है।
अच्छे से करें प्रयोग:- सही सनस्क्रीन की पहचान जितनी जरूरी है, उतना ही जरूरी यह भी है कि आप सनस्क्रीन लोशन लगाती कब और कितनी मात्रा में हैं। धूप में निकलने से कम से कम 20 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाने से ही फायदा मिलता है। ऐसा करने से सनस्क्रीन लोशन आपकी त्वचा में अच्छे तरीके से मिल जाएगी और सूर्य की किरणों के प्रभाव को बेअसर करने में कारगर हो सकेगी। यदि आप तैराकी करने जा रही हैं तो वाटरप्रूफ सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल करें।
इन्हें भी आजमाएं:- विटामिन डीः विटामिन डी शरीर के लिए बहुत जरूरी है, यह हड्डियों को मजबूत तो बनाता ही है, साथ ही त्वचा को सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से भी बचाता है। इसके अलावा यह त्वचा को धूप में झुलसने से बचाता है और स्किन कैंसर के खतरे को भी कम करता है। इसलिए अपनी त्वचा और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन डी का सेवन कीजिए।
चायः चाय भी त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाती है। चाय में एंटी-ऑक्सीडेंट के यौगिक मौजूद होते हैं जो त्वचा को इन हानिकारक किरणों से बचाते हैं। ग्रीन टी अधिक फायदेमंद है। ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफेनल के कारण स्किन कैंसर से बचाव होता है।
टमाटर खाएंः टमाटर त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता है। टमाटर में लाइकोपीन पाया जाता है जो त्वचा के लिए वरदान की तरह है। एक शोध की मानें तो 21 से47 साल की जिन महिलाओं ने नियमित रूप से 16 मिग्रा लाइकोपीन युक्त 55 ग्राम टमाटर का सेवन किया, 12 सप्ताह बाद भी उनकी त्वचा में सूर्य की किरणों से नुकसान नहीं दिखा। इसलिए अपनी डाइट में टमाटर को जरूर शामिल कीजिए।
अंगूरः अंगूर और वाइन में रिसवेराट्रल नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार अंगूर में पाया जाने वाला रिसवेराट्रल त्वचा को सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाता है।
त्वचा पर तेल लगाएंः बादाम और नारियल के तेल में नैचुरल एसपीएफ मौजूद होता है। रसभरी के बीज के तेल में शुद्घता के साथ एसपीएफ 30 मौजूद होता है। गेहूं के बीज के तेल में विटामिन ई होता है जो आपको एसपीएफ 20 प्रदान करता है। नारियल का तेल एसपीएफ 8 देता है और यह त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता भी है।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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