कांग्रेस ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणापूर्ण भाषण का मुद्दा राज्यसभा में उठाया…

नई दिल्ली, 06 अप्रैल । विपक्षी कांग्रेस ने बुधवार को देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणापूर्ण भाषण के बढ़ते मामलों को मुद्दा राज्यसभा में उठाया।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस विषय पर नियम 267 के तहत कामकाज स्थगित करने और चर्चा कराने का नोटिस दिया था।
हालांकि सभापति एम वेंकैया नायडू ने नियम 267 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा कराने की खड़गे की मांग खारिज कर दी और उन्हें सिर्फ अपनी बात रखने की अनुमति दी।
खड़गे ने गाजियाबाद के डासना स्थित एक मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ लोगों इन दिनों हरिद्वार से लेकर दिल्ली तक उकसावे वाले बयान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘रविवार को एक स्वामी ने तो सभी…के कत्ल की बात कही।’’
इस पर नायडू ने खड़गे से कहा कि स्वामी जी ने क्या कहा और फिर उसे सदन में बोलने से तथा उस पर चर्चा करने की मांग से समस्या का समाधान नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसी ने अर्थहीन बात कही है तो हमें उसका उल्लेख सदन में नहीं करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘किसी को भी किसी के खिलाफ घृणापूर्ण बात नहीं बोलनी चाहिए। वह चाहे अल्पसंख्यकों हो या बहुसंख्यक।’’
नायडू ने खड़गे के अलावा तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव और नदीमुल हक सहित कुछ सदस्यों के नोटिस भी अस्वीकार कर दिए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सभी नोटिस नियम 267 के दायरे में नहीं आते हैं।’’
नायडू ने इससे पहले, मंगलवार को राज्यसभा में हुए कामकाज की जमकर सराहना की और इस पर प्रसन्नता भी जताई।
उच्च सदन में मंगलवार को चर्चा के बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट, कास्ट अकाउंटेंट और कंपनी सचिवों के संस्थानों के कामकाज में सुधार के लिए लाए गए एक महत्वपूर्ण विधेयक के अलावा दिल्ली के तीनों नगर निगमों के एकीकरण से संबंधित विधेयक को मंजूरी दी थी।
नायडू ने कहा, ‘‘कल मुझे अत्यंत प्रसन्नता हुई कि सदन में दो विधेयकों पर चर्चा हुई और वह पारित भी हुए। सभी दलों के सदस्यों और उपसभापति ने धैर्य दिखाया। इससे मुझे बहुत खुशी हुई। मंत्री ने भी सभी सवालों के बिंदुवार जवाब दिए।’’
उन्होंने कहा कि मंगलवार को बहुत प्रभावशाली चर्चा हुई।
सियासी मीयार की रिपोर्ट
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