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दूधमुंहे बच्चे को आर्थिक तंगी दूर करने के लिये बाप ने बेच डाला,गैंग पकड़ा…

दूधमुंहे बच्चे को आर्थिक तंगी दूर करने के लिये बाप ने बेच डाला,गैंग पकड़ा…

नई दिल्ली, 06 अप्रैल । कोई इंसान कितना भी आर्थिक रूप से कमजोर हो,वह आर्थिक कमजोरी को दूर करने के लिये कुछ भी कर सकता है लेकिन अपनी दुधमुंही बच्ची को नहीं बेच सकता है। लेकिन ऐसा हुआ प्रेम नगर इलाके में जहां पर पिता ने अपनी पांच दिन की दुधमुंही बच्ची को मानव तस्करी करने वाले गैंग को सिर्फ एक लाख रुपये में बेच दिया। प्रेम नगर पुलिस ने मानव तस्करी करने वाले इस मॉडयूलस का पर्दाफाश करते हुए जहां बच्ची को सुरक्षित बरामद कर लिया है वहीं मॉडयूलस के पिता समेत छह आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की पहचान इकरत उर्फ गुड्डी,रेणु,मोनी बेगम,रेखा,योगेश और  मोहम्मद सद्दान के रूप में हुई है। जिनसे पांच लाख रुपये भी जब्त किये हैं। दो महिला आरोपी व्यक्ति आईवीएफ क्लिनिक में सलाहकार के रूप में काम करती हैं। जो नि संतान माता पिता का डाटा इक्_ा करती थी। जिनके वे संपर्क में रहती थी। पुलिस को लगता है कि आरोपियों से पूछताछ करने पर ऐसे कई ओर मामलों का खुलासा हो सकता है।

जिला पुलिस उपायुक्त प्रणव तयाल ने बताया कि दो महिला आरोपी व्यक्ति आईवीएफ क्लिनिक में सलाहकार के रूप में काम करती हैं। जो नि संतान माता पिता का डाटा इक्_ा करती थी। जिनके वे संपर्क में रहती थी। उन्होंने बताया कि बीते एक अप्रैल तीन बजकर 36 मिनट पर प्रेम नगर थाने में बलजीत नगर इलाके से एक पांच साल के बच्चे के लापता होने की कॉल मिली थी। एसआई पंचम तुरंत मौके पर पहुंचा। बच्चे की मां उम्मत प्रवीण ने बताया कि करीब 11 बजे वह अपने 05 दिन के नवजात शिशु के साथ सो रही थी, और जब वह दोपहर साढ़े 12 बजे उठी, तो उसने पाया कि उसका बच्चा वहां नहीं था। उसने अपने बच्चे की तलाश की लेकिन वो नहीं मिला। एसएचओ राजीव रंजन के निर्देशन में महिला एसआई मनीषा एसआई पंचम, एसआई मोहित, हेड कांस्टेबल आशीष कांस्टेबल रवि, प्रवीण, कपिल और महिला कांस्टेबल विनोद को आरोपी को पकडऩे का जिम्मा सौंपा गया। पुलिस टीम ने सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। जिसमें एक महिला को लापता बच्चे को ले जाते हुए देखा गया था, जबकि फोन करने वाली महिला इकरत उसका पीछा कर रही थी जो बाद में लौट आई थी।

इकरत शिकायतकर्ता की भतीजी है। जिससे पूछताछ की गई। जिसने बच्चा चोरी करने की बात मानी। इकरत ने ही बच्चा ले जाने वाली महिला की पहचान दुर्गा एन्क्लेव, कंझावला में रहने वाली रेणु के रूप में की। इकरत से पता लगा कि बच्चे का पिता मो. सद्दान भी साजिश में शामिल है। जो आर्थिक रूप से कमजोर था। जिसको कुछ आसान पैसा कमाने के लिए अपने बच्चे को बेचना चाहता था। इकरत को गिरफ्तार किया गया। इकरत ने बच्चे की मां को बच्चे को एक नशे की दवाई भी बहाने से दे दी थी। मां ने अपने बच्चे को पिला भी दी थी। जिससे बच्चा कुछ घंटे तक नींद में रहे और रोए भी नहीं। पूछताछ में आगे पता चला कि इकरत बच्चे को लेकर अपनी सहयोगी रेणु, गुडिय़ा, मोनी के साथ नोएडा एक्सटेंशन स्थित आईवीएफ क्लिनिक गई। क्लिनिक में  योगेश, सोनम और रेखा को बच्चे को सौंप दिया। रेखा और सोनम आईवीएफ क्लिनिक में सलाहकार के रूप में काम करती हैं। रेणु, इकता, गुडिय़ा और मोनी को प्रत्येक को 5 लाख रुपये की पेशकश की गई, जबकि बच्चे के पिता के लिए 1 लाख रुपये दिए गए। सभी आरोपियों को एक एक करके गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आरोपी योगेश की निशानदेही पर किडनैप बच्चे को फरीदाबाद से बरामद कर लिया। 

पूछताछ करने पर गैंग से पता चला कि चूंकि रेखा और सोनम आईवीएफ क्लिनिक में सलाहकार के रूप में काम करती हैं, इसलिए उनके पास नि:संतान जोड़ों के संबंध में उनके पास पूरा डाटा रहता था। उन्होंने कानूनी प्रक्रियाओं के माध्यम से एक बच्चे को गोद लेने के लिए फराज नाम के एक नि:संतान पिता को लालच दिया। परेशान फराज ने उनके आग्रह पर एक बच्चा गोद लेने की इच्छा व्यक्त की थी। फराज के सामने, इकरा ने खुद को बच्चे की माँ के रूप में पेश किया, जबकि, रेणु को बुआ के रूप में पेश किया गया था। सभी आरोपियों ने फरीदाबाद में कानूनी गोद लेने के लिए जाली दस्तावेज तैयार करने की कोशिश भी की थी।

सियासी मीयार की रिपोर्ट