दुष्कर्म के मामले में तीन साल बाद केस दर्ज….

नई दिल्ली, अदालत ने गैरहाजिरी के लिए जांच अधिकारी (आईओ) के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया तब पुलिस ने तीन साल पुराने दुष्कर्म के मामले में प्राथमिकी दर्ज की। यह मामला 2019 में कथित दुष्कर्म और ब्लैकमेल करने का है। मामले का आरोपी अभी फरार है। कड़कड़डूमा स्थित मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रेणु चौधरी की अदालत ने लक्ष्मी नगर थाने में तैनात एक महिला सब इंस्पेक्टर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है, जो कथित दुष्कर्म मामले की शिकायत की जांच कर रही थी। वारंट जारी होने के बाद थानाध्यक्ष अदालत में पेश हुए और बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
शिकायतकर्ता ने अदालत के समक्ष दुष्कर्म, जबरन वसूली, अपहरण, आपराधिक साजिश और आपराधिक धमकी की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए याचिका दी थी। दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज न होने को लेकर शिकायतकर्ता ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। शिकायतकर्ता के वकील अधिवक्ता प्रदीप चौहान ने याचिका में कहा था कि आरोपी पुजारी लक्ष्मण ने पीड़िता के शरीर से बुराई निकालने के बहाने उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता की गर्दन पर एक गांठ हो गई थी। आरोपी ने पीड़िता के माता-पिता और बहन को पूजा करने के लिए फरीदाबाद के आश्रम में भेज दिया। पीड़िता अपने घर में आरोपी के साथ अकेली थी। पुजारी ने उसे बर्फी और खीर प्रसाद के रूप में दी, जिसे खाने के बाद पीड़िता बेहोश हो गई और आरोपी ने दुष्कर्म किया। इसके साथ ही आरोपी ने पीड़िता की तस्वीरें ले लीं और उसे ब्लैकमेल कर रुपये वसूले। इस मामले में अदालत ने संबंधित थाने की जांच अधिकारी को तलब किया था लेकिन वह पेश नहीं हुईं। इसके चलते अदालत को जांच अधिकारी के खिलाफ जमानती वारंट जारी करना पड़ा। इसके बाद थानाध्यक्ष ने प्राथमिकी दर्ज करने की जानकारी दी।
सियासी मीयार की रिपोर्ट
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