यूपी : अवैध खेती और मछली पकड़ने पर अंकुश लगाएगा गंगा किनारे लगा बाजार…

बिजनौर (यूपी), 26 अप्रैल । स्थानीय लोगों को जैविक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए, बिजनौर प्रशासन ने क्षेत्र में नदी के किनारे बाजार लगाने का फैसला किया है। जिसमें शिल्प बाजार भी शामिल होगा।
एक वन अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि हमारा लक्ष्य ग्रामीणों को इस बाजार में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है। साथ ही आय का एक वैकल्पिक स्रोत भी विकसित करना है।
अधिकारी ने कहा, हमें नदी के किनारे की जमीन की पहचान करने को कहा गया है।
इस बीच, बिजनौर संभागीय वन अधिकारी, अनिल कुमार पटेल ने कहा, हम नदी के किनारे रहने वाले लोगों के कौशल को विकसित करने के लिए कई कार्यक्रम चला रहे हैं। वे टोकरी और चटाई बनाने में कुशल हैं। ऐसे में सरकार ने निर्देश दिए है कि, इन्हें बढ़ावा देने के लिए घाटों पर एक शिल्प बाजार स्थापित करें।
उन्होंने कहा कि बिजनौर और इसके आसपास के क्षेत्र हस्तशिल्प के लिए जाने जाते हैं। व्यापारियों को यहां अपने स्टॉल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, इसके अलावा बिजनौर का शेरकोट क्षेत्र ब्रश उद्योग के लिए जाना जाता है, जबकि नहटौर हथकरघा के लिए, किरतपुर कांच की बोतलों के लिए और नगीना हस्तशिल्प के लिए जाना जाता है। हम उन सभी को शिल्प बाजार में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
पश्चिम यूपी नमामी गंगे अभियान के समन्वयक धीर सिंह ने कहा कि गंगा नदी पर निर्भर रहने वाले ग्रामीणों के पास जल्द ही आय का एक अतिरिक्त स्रोत होगा।
बाजारों की स्थापना भी नदी तल पर अवैध खेती को रोकने में मदद करती है।
अधिकारी ने कहा, ग्रामीण वन्यजीवों और जलीय प्रजातियों के लिए हानिकारक कीटनाशकों का उपयोग करके सब्जियों के बीज बोते हैं और गेहूं की फसल उगाते हैं।
उन्हें आय का वैकल्पिक स्रोत प्रदान करके, राज्य सरकार गंगा में अवैध मछली पकड़ने पर भी अंकुश लगाना चाहती है, जो हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य से होकर बहती है।
सियासी मीयार की रिपोर्ट
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