गृहमंत्री अमित शाह और एनएसए अजीत डोभाल के बीच हुई बैठक, जम्मू कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा को लेकर हुई बात..

नई दिल्ली, 02 जून । गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच एक मीटिंग हुई है। इस मीटिंग में अजीत डोभाल के अलावा रॉ प्रमुख भी मौजूद थीं। जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर में आंतरिक सरक्षा को लेकर मीटिंग में बातचीत हुई है। वहीं ये भी माना जा रहा है एनएसए अजीत डोभाल की ये मीटिंग जम्मू कश्मीर में बढ़ रही टारगेट किलिंग के बीच हुई है। वहीं कल गृहमंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति का जायजा भी लेंगे।
बता दें जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। वहीं लगातार हो रही घटनाओं से वहां रहने वाले हिंदू नागरिक अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ऐसे में बढ़ती घटनाओं के चलते इसकी जानकारी कल जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा गृहमंत्री अमित शाह को देने वाले हैं। ऐसे में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ गृहमंत्री अमित शाह और रॉ प्रमुख की ये मीटिंग बेहद अहम मानी जा रही है। हालांकि मीटिंग का मकसद क्या है, इस बात को लेकर आधिकारिक सूत्रों की तरफ से कोई खुलासा नहीं हुआ है।
एक के बाद एक हमलों से सहमी है घाटी
कश्मीर में सुरक्षा का मसला गरमा गया है। विपक्ष भी इसे लेकर सरकार पर हमलावर है। मंगलवार को आतंकियों ने कुलगाम में जम्मू क्षेत्र के सांबा जिले की रहने वाली एक महिला शिक्षक सहित तीन लोगों की हत्या कर दी थी। 18 मई को आतंकवादियों ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला में एक शराब की दुकान में प्रवेश कर एक ग्रेनेड फेंका था। इसमें जम्मू क्षेत्र के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। तीन अन्य घायल हो गए थे। फिर 24 मई को श्रीनगर में एक पुलिसकर्मी सैफुल्ला कादरी की उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके ठीक दो दिन बाद बडगाम में एक टेलीविजन कलाकार अमरीन भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इसके पहले 12 मई को आतंकवादियों ने मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चदूरा इलाके में कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या कर दी थी। इसके बाद से करोड़ों कश्मीरी पंडित घाटी में उनका ट्रांसफर सुरक्षित स्थान पर करने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन्हें प्रधानमंत्री पैकेज के तहत नौकरी मिली हैं। बुधवार को इस तरह की खबरें आई थीं कि कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के एक समूह ने घाटी में गैर मुस्लिम कर्मचारियों की टारगेट किलिंग के खिलाफ सामूहिक पलायन की तैयारी शुरू कर दी। समूह ने बताया था कि वे ट्रक-मालिकों से मिल रहे हैं जहां वे उनके समान को ले जाने के भाड़े पर बातचीत करेंगे।
डोभाल और शाह की मीटिंग के मायने
ऐसे समय में जब कश्मीर में हालात बेकाबू हैं तब डोभाल के साथ शाह की मीटिंग काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। दोनों मिलकर कश्मीर में शांति बहाली का रोडमैप तैयार कर सकते हैं। सरकार की सबसे बड़ी चुनौती कश्मीरी पंडितों का भरोसा जीतने की है। कश्मीरी पंडितों की चुन-चुनकर हुई सिलसिलेवार हत्याओं के मामलों ने उनका भरोसा डगमगा दिया है। उन्हें लगने लगा है कि सरकार ने उन्हें वहशियों के हाथों मरने के लिए छोड़ दिया है। उधर, अमरनाथ यात्रा भी शुरू होने वाली है। यह इस माह के अंत से शुरू होगी और 11 अगस्त को इसके समाप्त होने की उम्मीद है। यात्रियों की सुरक्षा सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसे देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह तीन जून को कश्मीर की स्थिति की समीक्षा करेंगे।
सरकार पर विपक्ष हमलावर
कश्मीर में टारगेट किलिंग के मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। बुधवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने घाटी में कश्मीरी पंडितों के लिए पर्याप्त सुरक्षा की मांग की थी। केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि आतंकवादी ताकतें जम्मू-कश्मीर में सांप्रदायिक सौहार्द नहीं चाहती हैं। इसीलिए कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। उनकी हत्या की जा रही है। इससे 90 के दशक में हुई घटनाओं की याद ताजा हो जाती है। कांग्रेस ने भी इसे मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा है।
उधर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि कश्मीर में सेना और पुलिस के जरिये शांति बहाल नहीं की जा सकती। उन्होंने गंभीर स्थिति से निपटने का रास्ता खोजने के लिए सभी राजनीतिक दलों के साथ आने की पुरजोर वकालत की है। कहा है कि लोग अपने परिवारों की सुरक्षा चाहते हैं। अब्दुल्ला ने सरकार से आगामी अमरनाथ यात्रा के दौरान बहुत सतर्क रहने को कहा है। उनके मुताबिक, अगर यात्रा के दौरान एक भी अप्रिय घटना होती है, तो इसके देशव्यापी परिणाम होंगे।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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