जानिए भारत की बेहद ही खूबसूरत जगहों के बारे में…

भारत में ऐसी ऐसी जगह है घूमने के लिए की आपको बाहर जाने की जरूरत ही नही है। प्रकृति की गोद में बसा भारत की खुबसूरत जगहों की बात ही औरौं से जुदा है। यहां पर कुछ ऐसी जगह है जिनके बारे में आपको नही पता है। जो बहुत ही खुबसूरत है। अगर आप रोमांच प्रेमी है और एक बार कुछ नई जगह घूमने चाहते है तो एक बार इन जगहों पर जरूर जाए। जो एडवेंचर से भरी हुई है। जानिए भारत की ऐसी एडवेंचर से भरपूर जगहों के बारें में।
थॉसेघर फॉल्स
अगर आप लोनावला या खंडाला गए हैं और थॉसेघर फॉल्स नहीं गए तो आपने बहुत ही खास चीज नहीं देखी। यह जगह बेहद ही छोटे से खेड़े में है। सतारा सिटी से 20 किमी की दूरी पर थॉसेघर फॉल्स है। यहां जाकर आप तैरने और पानी में मस्ती करने का लुत्फ ले सकते हैं। यहां का माहौल आपको काफी पसंद आएगा। यहां की ठंडी हवाएं आपको दिल को खुश कर देंगी। यहां इतनी शांति है कि आप सुकून के लिए बार-बार इस जगह पर आना चाहेंगे।
कास का पठार, महाराष्ट्र
यह पर्यटन की दृष्टि से कास का पठार नया नहीं है मगर फिर भी ये स्थान अपने कुछ खास काम के कारण पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। इस पठार की खास बात ये है कि यहां 850 अलग अलग प्रजातियों के फूल खिलते हैं। अक्टूबर से नवम्बर का समय इस पठार की यात्रा का सबसे अच्छा समय हैं।
संदाकफू, दार्जिलिंग
इस जगह को जहरीले पेड़ों का जंगल कहो जाता है क्योकि यहां पर पहाड़ों की चोटियों पर जहरीले एकोनाइट पेड़ पाए जाते हैं। इसलिए इसे संदाकफू कहा जाता है जिसका मतलब जहरीले पेड़-पौधों से है। इसे पैराडाइज ऑफ ट्रैकर्स के नाम से भी जाना जाता है क्योकि यहां सिंगालीला रेंज ट्रैकिंग होती है। भारत के पूर्व के दार्जिलिंग जिले में सदाकफू जंगल समुद्र तल से 3,636 मीटर की ऊंचाई में स्थित है। यहां से आप एवरेस्ट, कंचनजंघा, मकालू और ल्ओत्से की ऊंची चोटियों को देख सकते है।
द्रास, लद्दाख
द्रास को भारत देश की सबसे ठंडी जगह और दुनिया की दूसरी सबसे ठंडी जगह माना जाता है। सर्दियों में यहां का तापमान -45 तक होता है। जम्मू व कश्मीर के करगिल जिले में स्थित एक द्रास बस्ती है। 10760 फीट की ऊंचाई पर बसा द्रास पहाड़ों से घिरा हुआ है। कश्मीर से लद्दाख जाने के लिए द्रास वादी से गुजरना पड़ता है। जिसके कारण इसे लद्दाख का द्वार भी कहा जाता है।
इमामबाड़ा, लखनऊ
यह इमारत नवाबों के शहर यानि लखनऊ में है। अपनी खासियत के कारण पूरी दुनिया में यह फेमस है। इस इमारत में ही दुनिया का सबसे बड़ा हॉल है जिसमें न खंभे है और न लोहा है अथवा न हीं लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है। इसका रहस्य जाननें के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते है। इस इमारत के अलावा यहां का गार्डन भी देखने लायक है। शाही हमाम नामक यह बाबड़ी गोमती नदी से जुड़ी है। इसमें पानी से ऊपर केवल दो मंजिले हैं, शेष तल पानी के अंदर पूरे साल डूबे रहते हैं।
अनंतपुरा लेक मंदिर, केरल
भारत की सबसे अनोखे स्थानों में शुमार में केरल का अनंतपुरा लेक मंदिर भी शामिल है। वो स्थान है जो एक खास रहस्य के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा एक 150 पुराने मगरमच्छ के हाथों में है जो पूर्णरूप से शाकाहारी है। जिसका नाम बविया है। यहां जाने के लिए पुल से होकर गुजरना पड़ता है। हालांकि ये सुनने में थोडा अजीब है कि कोई शाकाहारी मगरमच्छ यहां कि रक्षा करता है। तो सच जानने के लिए आप खुद केरल के इस मंदिर में आएं और जानें कि आखिर इसकी सच्चाई क्या है।
धनुषकोटि,तमिलनाडु
भारत के तमिलनाडु राज्ये के पूर्वी तट पर स्थित रामेश्वरम द्वीप के दक्षिणी भाग पर स्थित छोटा सा शहर है। जहां एक ओर धनुषकोटि धार्मिक स्थलों में सबसे पवित्र स्थान के रूप लोग जानते हैं वहीं दूसरी ओर इसे भूतिया स्थान के रूप में भी देखा जाता है। माना जाता है कि यहां पर प्रेत-आत्माओं को महसूस किया जा सकता है क्योकि 1964 में यहां भयंकर चक्रवात आया था जिसने धनुषकोटि की खूबसूरती को हमेशा के लिए मातम में बदल दिया।
चूरू, राजस्थान
राजस्थान पर्यटकों के लिए एक खास राज्य है। यहां जयपुर, उदयपुर और जैसलमेर जैसे शहर हैं। साथ ही यहां कुछ ऐसे जगह है जिनके बारें में आप नही जानते है इन्ही में से एक है राजस्थान के पश्चिमी हिस्से में बसा चूरू। यह ऐसा शहर है जहां गर्मी और सर्दी दोनों ज्यादा होती है। यहां का तापमान गर्मियों में 50 डिग्री और सर्दियों में 0 डिग्री तक पहुंच जाता है। यहां पर बहुत ही खुबसूरत हवेलियों भी है। जैसे कि रत्नागढ़,कन्हैया लाल बंगला की हवेली और सुराना हवेली है जो बेहद खुबसूरत है। यहां की जगह को देश की ओपन आर्ट गैलरी भी कहा जाता है।
लाहौल
हिमाचल प्रदेश राज्यह में भारत-तिब्बरत सीमा पर स्थित जगह है। लाहौल और स्पीआति पहले दो जिले थे, जिन्हेर बाद में 1960 में एकीकृत कर दिया गया था। यहां के मूल निवासी गोरी त्वषचा वाले और भूरी आंखो वाले होते हैं, जो तिब्बलती वंश के होते हैं। इनमें से अधिकांश लोग बौद्ध धर्म और उसके रीति-रिवाज को मानते हैं।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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