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नियंत्रण रेखा, सीमा के 100 किलोमीटर के भीतर राजमार्ग परियोजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी से छूट..

नियंत्रण रेखा, सीमा के 100 किलोमीटर के भीतर राजमार्ग परियोजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी से छूट..

नई दिल्ली, 19 जुलाई। केंद्र ने पर्यावरणीय प्रभाव के आकलन संबंधी नियमों में संशोधन करते हुए नियंत्रण रेखा या सीमा के 100 किलोमीटर के भीतर रक्षा तथा सामरिक महत्व से संबंधित राजमार्ग परियोजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी की आवश्यकता से छूट देने की घोषणा की।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, हवाई अड्डों पर टर्मिनल भवनों के विस्तार (हवाई अड्डे के मौजूदा क्षेत्र में विस्तार के बिना) से संबंधित परियोजनाओं के लिए अब अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी।

इसमें बायोमास-आधारित बिजली संयंत्रों की छूट सीमा को भी बढ़ाया गया है, जो कोयले, लिग्नाइट या पेट्रोलियम उत्पादों जैसे सहायक ईंधन का 15 प्रतिशत तक उपयोग करते हैं।

अधिसूचना के अनुसार, ‘‘सीमावर्ती राज्यों में रक्षा और सामरिक महत्व से संबंधित राजमार्ग परियोजनाएं प्रकृति के लिहाज से संवेदनशील हैं और कई मामलों में रणनीतिक, रक्षा तथा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता के आधार पर अनुमति लेने से छूट दी जाती है।’’

अधिसूचना में कहा गया कि नियंत्रण रेखा या सीमा के 100 किलोमीटर के भीतर सभी राजमार्ग परियोजनाओं को छूट दी जाएगी।

गौरतलब है कि पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने सीमा परियोजनाओं को पर्यावरण मंजूरी से छूट देने के लिए अप्रैल में पेश किए गए मसौदे का विरोध करते हुए कहा था कि इससे पर्यावरण को नुकसान होगा।

संशोधित नीति लागू होने के बाद उत्तराखंड में चारधाम परियोजना के कुछ हिस्से, हिमालय तथा पूर्वोत्तर की ऐसी कई परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी की जरूरत नहीं होगी जो नियंत्रण रेखा या सीमा के 100 किलोमीटर के भीतर हैं।

सियासी मीयार की रिपोर्ट