भारत, ब्रिटेन के साथ व्यापार समझौते के लिए ऑस्ट्रेलियाई संसद में विधेयक..

कैनबरा, 22 नवंबर। भारत और ब्रिटेन के साथ द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते को आगे बढ़ाते हुए ऑस्ट्रेलिया की संसद में इस संबंध में विधेयक पेश किया गया। ऑस्ट्रेलियाई सरकार मौजूदा साल में ही दोनों समझौतों को पूरा करने पर जोर देर रही है।
ये दोनों विधेयक ऑस्ट्रेलिया के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि चीनी बाजार के अस्थिर होने चलते भारत के साथ निर्यात में विविधता लाना जरूरी है, जबकि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ को छोड़ने के बाद उसके साथ नया द्विपक्षीय व्यापार समझौता जरूरी हो गया है।
विधेयक सोमवार को आसानी से प्रतिनिधि सभा में पारित हो गए। सरकार को उम्मीद है कि मंगलवार को सीनेट में भी ये विधेयक पारित हो जाएंगे।
व्यापार मंत्री डॉन फैरेल ने कहा कि भारत ने द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया है। उन्होंने कहा, ”भारत के साथ मजबूत आर्थिक संबंध सरकार की व्यापार विविधीकरण रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।”
भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (एआई-ईसीटीए) को लागू करने से पहले ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा मंजूरी की आवश्यकता है। भारत में इस तरह के समझौतों को केंद्रीय मंत्रिमंडल मंजूरी देता है।
समझौते के तहत, ऑस्ट्रेलिया लगभग 96.4 प्रतिशत निर्यात (मूल्य के आधार पर) के लिए भारत को शून्य सीमा शुल्क पहुंच की पेशकश कर रहा है। इसमें कई उत्पाद ऐसे हैं, जिस पर वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में चार से पांच प्रतिशत का सीमा शुल्क लगता है।
वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8.3 अरब डॉलर का माल निर्यात तथा 16.75 अरब डॉलर का आयात किया था।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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