जेट-एतिहाद एयरवेज सौदे के खिलाफ सुब्रमण्यम स्वामी ने न्यायालय से 2013 की अपनी याचिका वापस ली

नई दिल्ली, 06 जनवरी। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने जेट एयरवेज और अबू धाबी स्थित एतिहाद एयरवेज के बीच गठजोड़ को खत्म करने की मांग वाली 2013 की अपनी याचिका शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से वापस ले ली।
स्वामी ने न्यायमूर्ति एम.आर.शाह और न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार की पीठ को बताया, “मैं इसे वापस लेना चाहता हूं, यह जेट-एतिहाद का मामला है। अब न जेट है, न एतिहाद।”
इसके बाद पीठ ने हल्के-फुल्के अंदाज में टिप्पणी की, “हम नहीं जानते कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है।”
उनके प्रतिवेदन पर संज्ञान लेते हुए पीठ ने स्वामी को याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी।
पीठ ने उन्हें जरूरत समझने पर नई याचिका दायर करने की स्वतंत्रता देते हुए कहा, “याचिकाकर्ता बाद के घटनाक्रमों को देखते हुए अपना आवेदन वापस लेने की अनुमति चाहता है। याचिका वापस लिए जाने के कारण खारिज की जाती है।”
शीर्ष अदालत ने मामले में केंद्र, वाणिज्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी), औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और अन्य को नोटिस जारी किया था।
स्वामी ने याचिका में कहा था कि यह सौदा जनहित के खिलाफ था क्योंकि प्राकृतिक संसाधनों जैसे- आकाश और वायु क्षेत्र – का अपव्यय हुआ है।
जेट एयरवेज ने 24 अप्रैल, 2013 को रणनीतिक गठबंधन के हिस्से के रूप में एतिहाद एयरवेज को लगभग 2,058 करोड़ रुपये में 24 प्रतिशत इक्विटी बेचने की योजना की घोषणा की थी, जिससे उनके वैश्विक नेटवर्क में एक बड़ा विस्तार होता।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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