Monday , September 23 2024

निकाय चुनाव को मैनेज और मैनुपुलेशन करने का प्रयास किया गया : मायावती..

निकाय चुनाव को मैनेज और मैनुपुलेशन करने का प्रयास किया गया : मायावती..

लखनऊ, 18 मई । बसपा प्रमुख मायावती ने निकाय चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की समीक्षा और आगे की तैयारियों को पुख्ता करने के लिए पार्टी के सभी छोटे बड़े पदाधिकारियों की आज एक अहम बैठक बुलाई। बैठक में जोनल कोआर्डिनेटरों के साथ ही मुख्य मंडल प्रभारी, जिला बाममसेफ संयोजक और सभी जिलाध्यक्ष भी बुलाए गए।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज प्रदेश पार्टी कार्यालय में यूपी स्टेट के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों तथा 18 मण्डलों व 75 जिला अध्यक्षों आदि के विशेष बैठक में समुचित फीडबैक लेने के बाद जरूरी दिशा-निर्देश देते हुये कहा कि करोड़ों उपेक्षितों, गरीबों, मजदूरों, छोटे व्यापारियों व अन्य तमाम मेहनतकश समाज के लोगों के हित व कल्याण का सच्चा प्रतिनिधित्व करने वाली अम्बेडकरवादी पार्टी होने के नाते बी.एस.पी. को इस प्रकार की चुनौतियों का सदा सामना करना पड़ा है, लेकिन परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के कारवाँ को बिना थके, बिना रूके, बिना हिम्मत हारे चुनाव जीतकर सत्ता प्राप्ति के जरिये अपना उद्धार खुद करने योग्य बनने के मिशनरी लक्ष्य के लिए पूरी लगन से लगातार लगे रहना है।

मायावती ने कहा कि पहले सम्पूर्ण स्टेट और फिर उसके बाद मण्डल व जिलावार समीक्षा में प्राप्त फीडबैक के अनुसार खासकर जातिवाद व साम्प्रदायिकता के अभिशाप से मुक्त वातावरण तथा विकास व कानून के राज को लगातार तरसते उत्तर प्रदेश जैसे गरीब व पिछड़े राज्य में चुनाव के दौरान ख़ासकर बीजेपी व समाजवादी पार्टी द्वारा साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों प्रकार के घिनौने हथकण्डे अपनाने तथा इनकी सरकार द्वारा सरकारी मशीनरी के हर स्तर पर घोर दुरुपयोग एवं द्वेष व दमन की कार्रवाई तथा वोटर लिस्ट में गड़बड़ी आदि की शिकायत आम रही है, जिसका संतोषजनक निदान नहीं निकल पाने के कारण ही यूपी में अभी – अभी सम्पन्न नगर निकाय चुनाव भी काफी ज्यादा प्रभावित हुआ है और महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, गलत सरकारी नीति व कार्यकलापों आदि से त्रस्त जनता के मन की भडास वोट के रूप में सही से परिणत नहीं हो पाने की आम धारणा बरकरार है, जो अति दुःखद व लोकतंत्र के भविष्य के लिए अति चिन्तनीय भी है।

चुनावी मुद्दों आदि की समीक्षा तथा इनसे प्रभावी तौर से निपटने के लिए रणनीति तैयार करने के लिए आज यहाँ आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुये मायावती ने कहा कि कुल मिलाकर वोट हमारा राज तुम्हारा के प्रचलित हालात को आगामी लोकसभा आमचुनाव के मद्देनजर बदलने के सामूहिक प्रयास को गाँव-गाँव तक और तेज गति व तीव्रता प्रदान करने की जरूरत है। यूपी के करोड़ों लोग अपनी गरीबी लाचारी तथा प्रदेश के पिछड़ेपन आदि को दूर करके अपनी बेहतरी व अपने परिवार के उज्जवल भविष्य के लिए बदलाव की चाह रखते हैं और ऐसे में बी.एस.पी को सत्ता परिवर्तन का सही व सार्थक विकल्प बनकर आगे आना होगा। इसके लिए सभी लोगों को मिलजुल कर पूरे तन, मन, धन से काम करते रहने की सख्त जरूरत है।

अभी-अभी सम्पन्न यूपी निकाय चुनाव में जो कुछ हुआ है उसके परिप्रेक्ष्य में पार्टी के कार्यकलापों की जिला व मण्डलवार समीक्षा के दौरान मायावती ने आगे की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए पार्टी संगठन में जरूरी सुधार किये तथा इस प्रक्रिया को निचले स्तर तक जारी रखने का निर्देश दिया। देश में लोकतंत्र की रक्षा व संविधान के सम्मान के लिए वोटरों की अत्याधिक जागरुकता व जन भागीदारी को और बढ़ाने पर जोर देते हुए उन्होंने चुनाव आयोग से खासकर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग तथा संविधान व कानून के खिलाफ धर्म का राजनीति में बढ़ते प्रभाव को प्रभावी ढंग से रोक लगाने की जोरदार माँग की।

बी.एस.पी. प्रमुख ने जमीनी स्तर पर मेहनती, ईमानदार व मिशनरी लोगों को बढ़ाने का निर्देश देते हुए कहा कि निकाय चुनाव में लोगों की आपसी गुटबाजी रंजिश व मनमुटाव तथा चुनाव में टिकट नही मिल पाने आदि के कारण हालात थोडे भिन्न जरूर रहते हैं, जिसको ध्यान में रखकर ही आगे संगठन के मजबूती की कार्रवाई करने की जरूरत है। ऐसे हालात में किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेने का सख्त निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के जनाधार को बढ़ाना एक सतत् प्रक्रिया है जिसका सामूहिक प्रयास पूरी मुस्तैदी व जी-जान के साथ लगातार जारी रहना चाहिए, यही परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व मान्यवर कांशीराम का बताया हुआ रास्ता है जिसपर हर हाल में अमल करते रहना है।

यूपी निकाय चुनाव में तमाम प्रकार के विपरीत हालात का सामना करते हुए बी.एस.पी. को मिलने वाले समर्थन के लिए लोगों का तहेदिल से आभार व शुक्रिया अदा करते हुए मायावती ने कहा कि बीजेपी चाहे जो भी दावा करे, वास्तविकता यह है कि ओबीसी आरक्षण तथा महिला सीटों के आरक्षण सहित शुरू से लेकर अन्त तक इस चुनाव को भी हर प्रकार से मैनेज व मैनुपुलेशन करने का प्रयास किया गया, लेकिन इसके बावजूद मेयर चुनाव को छोड़कर बीजेपी की दाल लोगों ने बहुत ज्यादा नहीं गलने दी। मेयर का चुनाव भी यदि ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से होता तो निश्चय ही चुनाव परिणाम की तस्वीर कुछ और ही होती। सपा की नकारात्मक राजनीति को भी लोगों ने पसंद नही किया, जबकि खासकर आगरा व सहारनपुर के मेयर चुनाव में बी.एस.पी. को घिनौना षडयंत्र करके हरा दिया गया।

देश के करोड़ों दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़ों एवं समस्त शोषितों, उपेक्षितों और अक्लियत समाज आदि के सच्चे हित व कल्याण को समर्पित बी.एस.पी. का एक पार्टी व मूवमेन्ट के रूप में कार्य करने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के धनबल पर निर्भर होकर उनकी गुलाम बनकर नहीं रहने पर पार्टी के खास गौरव को एक बार फिर जबरदस्त तौर पर उल्लेख करते हुए मायावती ने पार्टी के लोगों का आहवान किया कि वे देश भर में पार्टी संगठन, कार्यालयों का सुचारू रूप से संचालन के साथ ही चुनावी खर्च आदि के लिए पार्टी को आर्थिक रूप से मजबूत रखने को कभी न भूलें। देश के गरीबों व उपेक्षितों आदि की विशिष्ट पार्टी के रूप में अपनी अलग मिशनरी पहचान को बी.एस.पी. हमेशा कायम रखना चाहती है।

सियासी मियार की रिपोर्ट