योग की विरासत पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए : योगी आदित्यनाथ..

-हजारों वर्षों की योग की परम्परा हमारी विरासत का हिस्सा : योगी आदित्यनाथ
गोरखपुर, । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में हिस्सा लेकर योग का संदेश दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हजारों वर्षों की योग की परम्परा हमारी विरासत का हिस्सा है। हम सब को योग की इस विरासत पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दुनिया के लगभग 200 देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग के निमित्त कार्यक्रमों के साथ जुड़कर भारत की परम्परा के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करेंगे। उन्होंने कहा कि योग भारतीय मनीषा की विश्व मानवता के कल्याण के लिए दिया गया उपहार है। हमारी परम्परा कहती है ‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्’। जीवन के जितने भी माध्यम होते हैं वह स्वस्थ शरीर से ही संभव हो सकता है। जब कोई व्यक्ति स्वस्थ होगा तभी वह कोई कार्य संपन्न कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग की परम्परा हम सब की विरासत का हिस्सा है। आज योग वैश्विक मंच पर छाता हुआ पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करता हुआ दिखाई दे रहा है। कोरोना कालखण्ड में भी आपने देखा होगा दुनिया के अंदर सर्वाधिक मांग आयुष पद्धति की हो रही थी। भारत की ऋषि परम्परा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का एक अवसर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में कहा कि अगर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना है तो योग एक माध्यम हो सकता है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग में संपूर्ण आरोग्यता प्रदान करने की शक्ति है। योग के अभ्यास से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। शारीरिक शुद्धि का माध्यम भी योग है। मुख्यमंत्री के साथ गोरखपुर के सांसद रवि किशन व स्थानीय नागरिकों ने योग किया।
सियासी मियार की रिपोर्ट
Siyasi Miyar | News & information Portal Latest News & Information Portal