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मध्यप्रदेश की घटना को लेकर सपा और बसपा ने भाजपा पर किया हमला..

मध्यप्रदेश की घटना को लेकर सपा और बसपा ने भाजपा पर किया हमला..

लखनऊ,। उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मध्यप्रदेश में कथित भाजपा कार्यकर्ता द्वारा एक विक्षिप्त आदिवासी व्यक्ति के ऊपर पेशाब करने की घटना को शर्मनाक बताते हुए बृहस्पतिवार को भाजपा पर हमला बोला।

बसपा मुखिया मायावती ने जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इस मामले के पीड़ित के पैर धोये जाने को ‘नाटकबाजी’ बताया और कहा कि यह विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक स्टंट प्रतीत होता है, वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश ने इस घटना को इतिहास का एक शर्मनाक अध्याय बताया।

मायावती ने एक ट्वीट में कहा, ‘मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा सीधी ज़िले के पेशाबकाण्ड के पीड़ित आदिवासी युवक को लगभग 600 किलोमीटर दूर भोपाल बुलाकर सीएम हाऊस में कैमरा के घेरे में उसका पैर धोना सरकारी पश्चाताप कम तथा नाटकबाजी व चुनावी स्वार्थ की राजनीति ज्यादा लगती है। ऐसा नुमाइशी कार्य क्या उचित है।’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘चूंकि मध्यप्रदेश में विधानसभा का चुनाव निकट है, इसलिए सरकार की ऐसी बेचैनी स्वाभाविक है, लेकिन पूरे प्रदेश में खासकर दलित, आदिवासी, अतिपिछड़े तथा मुस्लिम समाज के साथ ही सर्वसमाज के लोगों का महंगाई एवं बेरोजगारी आदि से जीवन जितना त्रस्त हुआ है उसका हिसाब वे जरूर लेंगे।’

इस बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘प्रदेश के सीधी ज़िले में एक आदिवासी के ऊपर एक भाजपाई द्वारा जो दानवीय घृणित कृत्य किया गया है, वो सदियों से शोषित-दलित समाज पर किये जा रहे उत्पीड़न के इतिहास का एक और शर्मनाक अध्याय है। प्रदेश में भाजपा के 18 साल के शासन की क्या बस यही उपलब्धि है। भाजपा को अहंकार ले डूबेगा।’

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पेशाब घटना के पीड़ित युवक के बृहस्पतिवार को पैर धोए और उससे माफी मांगी। चौहान ने कहा कि वह इस घटना से दुखी हैं। उन्होंने भोपाल में मुख्यमंत्री आवास पर फर्श पर बैठकर आदिवासी युवक दशमत रावत के पैर धोए। उन्होंने युवक को ‘सुदामा’ बुलाया और कहा, ‘दशमत, अब तुम मेरे मित्र हो।’ इस दौरान चौहान ने उसके साथ विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की, खासकर यह जानने के लिए कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उस तक पहुंच रहा है या नहीं।

सियासी मीयार की रिपोर्ट