विद्युत इकाइयां उत्पदन निगम लगाएगा तो उपभोक्ताओं को होगा 25 प्रतिशत फायदा..
-उपभोक्ता परिषद ने कहा, विद्युत इकाइयां लगाने में एनटीपीसी को साझीदार न बनाये सरकार
लखनऊ,। कैबिनेट में 800 मेगा वाट की दो इकाइयां लगाने का प्रस्ताव पास हुआ। यह ओबरा डी में एनटीपीसी व उत्पादन निगम के संयुक्त तत्वावधान में लगेगी। इस पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आपत्ति जतायी है। उनका कहना है कि यदि यह इकाइयां उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लगाएगा तो बिजली 25 प्रतिशत तक सस्ती हो जाएगी।
उपभोक्ता परिषद ने अप्रैल 2023 केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर इस परियोजना की लागत 11.25 करोड़ प्रति मेगावाट बताया है। यह बहुत अधिक है। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि यह परियोजना 8.34 करोड प्रति मेगा वाट के ऊपर अनुमोदित किया जाना पुनर्विचार करने योग्य है।
उपभोक्ता परिषद ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने पहले एनटीपीसी को इस परियोजना की डीपीआर बनाने का आदेश दिया था। अब वह इस परियोजना का 50 प्रतिशत का मालिक बन बैठा। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि इस कुल परियोजना की लागत लगभग रुपया 17985.27 करोड अनुमोदित की गई । इससे 1600 मेगावाट बिजली उत्पादन होगी अर्थात परियोजना 11.25 करोड़ प्रति मेगा वाट में तैयार होगी।
उपभोक्ता परिषद का कहना है कि यह पूरी परियोजना पिट हेड पर आधारित है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार को इसकी परियोजना लागत पर पुनर्विचार करते हुए इस परियोजना को उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के 100 प्रतिशत अंश धारिता के आधार पर उसे देना चाहिए, क्योंकि ओबरा डी के मामले में जमीन और पानी सब पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम का अधिकार था और यह परियोजना पिट हेड पर थी। कोई भी विधिक अड़चन न आए, इसलिए एनटीपीसी ने बड़ी चालाकी से संयुक्त समझौता कर लिया। यदि यह परियोजना उत्पादन निगम स्वयं लगाता है तो 25 प्रतिशत लगभग सस्ती बिजली प्रदेश के उपभोक्ताओं को मिलेगी, क्योंकि उत्पादन निगम केवल दो प्रतिशत रिटर्न आफ एक्युटी यानी लाभ ले रहा है और वही एनटीपीसी 16 से 18 प्रतिशत रिटर्न आफ एक्युटी यानी लाभ लेगा।
सियासी मीयार की रिपोर्ट
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