भारत, अमेरिका व्यापक व गहन द्विपक्षीय मादक पदार्थ नीति के खाके पर काम करेंगे..

वाशिंगटन, 21 जुलाई । भारत और अमेरिका बृहस्पतिवार को 21वीं सदी के लिए एक व्यापक और गहन द्विपक्षीय मादक पदार्थ नीति का खाका तैयार करने की दिशा में काम करने पर सहमत हुए। राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने दोनों देशों के अधिकारियों के बीच इस संबंध में बातचीत होने के बाद यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय मादक द्रव्य नियंत्रण नीति कार्यालय के निदेशक डॉ. राहुल गुप्ता ने यहां अमेरिका-भारत स्वापक रोधी कार्यसमूह (सीएनडब्ल्यूजी) की चौथी वार्षिक बैठक के समापन के बाद एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”पिछले कुछ दिनों में हमने वास्तव में तीन स्तंभों पर काम किया है। पहला मादक पदार्थों के खिलाफ और अवैध नशीले पदार्थों के तस्करों और उत्पादकों के नेटवर्क को बाधित करना।”
डॉ. गुप्ता ने कहा, ”दूसरा मादक पदार्थों की मांग और इसके नुकसान को कम करना। इसमें न केवल यह देखना शामिल है कि हम नशे से पीड़ित लोगों की मदद कैसे करते हैं, बल्कि नशे की लत को कैसे रोकते हैं। इस पर भी काम किया जाएगा।”
डॉ. गुप्ता इस भूमिका में सेवा देने वाले पहले चिकित्सक हैं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के महानिदेशक (डीजी) सत्य नारायण प्रधान ने किया।
डॉ. गुप्ता के अनुसार, तीसरा स्तंभ से औषधि आपूर्ति श्रृंखला और दवा उद्योग के विकास को सुनिश्चित करना है।
व्हाइट हाउस के एक बयान के अनुसार, दो दिवसीय बैठक के दौरान प्रतिनिधिमंडलों ने 21वीं सदी के लिए व्यापक और गहन द्विपक्षीय मादक पदार्थ नीति ढांचे की दिशा में काम करने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संयुक्त प्रतिबद्धता पर चर्चा की।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एनसीबी डीजी प्रधान ने किया और इसमें भारतीय दूतावास के मिशन की उप प्रमुख राजदूत श्रीप्रिया रंगनाथन और गृह मंत्रालय (एमएचए) के संयुक्त सचिव श्री प्रकाश शामिल रहे।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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