उच्च शिक्षा में प्रौद्योगिकी को शामिल करने के सुझाव दें : जगनमोहन रेड्डी….

अमरावती, । आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी ने एक उच्च स्तरीय कार्य समूह ‘वर्किंग ग्रुप ऑन फ्यूचर टेक्नोलॉजी’ को उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में ‘ऑग्मेंटेड रियल्टी’ और ‘वर्चुअल रियल्टी’ जैसी प्रौद्योगिकी को शामिल करने के संबंध में सुझाव पेश करने का निर्देश दिया है।
इस कार्य समूह में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और नासकॉम सहित दुनिया की अन्य दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हैं। कार्य समूह से कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और अन्य संबंधित विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल करने तथा पढ़ाई के तौर-तरीकों को बदलने के उपाय सुझाने को कहा गया है।
राज्य सरकार की ओर से बृहस्पतिवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में रेड्डी के हवाले से कहा गया, “उच्च शिक्षा में सुधार के तहत हमें ‘ऑग्मेंटेड रियल्टी’, ‘वर्चुअल रियल्टी’ और अन्य संबंधित विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल करने तथा हमारे छात्रों को विभिन्न उभरती प्रौद्योगिकियों के विशेषज्ञों में बदलने के लिए अधिकांश स्कूल-कॉलेज में प्रत्येक पाठ्यक्रम में एआई जैसी आवश्यक तकनीक लागू करने की दिशा में काम करने की जरूरत है।”
‘आग्मेंटेड रियल्टी’ यानी संवर्धित वास्तविकता एक संवादात्मक अनुभव है, जिसमें कंप्यूटर-जनित दृश्यों, ध्वनियों और अन्य चीजों की मदद से वास्तविक दुनिया के वातावरण को अधिक जीवंत बनाया जाता है। वहीं, ‘वर्चुअल रियल्टी’ यानी आभासी वास्तविकता एक कंप्यूटर-जनित वातावरण है, जिसमें दृश्य और वस्तुएं वास्तविक प्रतीत होती हैं तथा व्यक्ति को महसूस होता है कि वह इनसे घिरा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल और कॉलेज स्तर पर शिक्षण पद्धतियों, परीक्षा प्रारूप और मूल्यांकन प्रणालियों में सुधार किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (आईबी) के युग में शिक्षा प्रणाली में आवश्यक बदलाव किए बिना सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं से वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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