राजस्थान: ‘गुलाबी सुंडी’ के प्रकोप से प्रभावित किसानों को मिलेगी राहत..

जयपुर। राजस्थान के हनुमानगढ़ और गंगानगर जिले में कपास की फसल में ‘गुलाबी सुंडी’ कीट के प्रकोप से प्रभावित किसानों को राहत मिलेगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री निवास पर फसल नुकसान, फसल बीमा व गिरदावरी की समीक्षा बैठक में बुधवार को यह जानकारी दी गई। बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ली।
आधिकारिक बयान के अनुसार, बैठक में बताया गया कि हनुमानगढ़, गंगानगर जिले में कपास की फसल में गुलाबी सुंडी के प्रकोप से दोनों जिलों में 2.56 लाख हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जिससे 73 हजार कृषक प्रभावित हैं। इस प्रकोप के कारण पांच से 45 प्रतिशत तक नुकसान का अनुमान है।
इसके अनुसार फसल बीमा योजना के अन्तर्गत कीट रोग के प्रकोप के कारण कपास फसल का उत्पादन प्रभावित होने पर बीमित किसानों को नुकसान हेतु ‘क्लेम’ देय है। प्रभावित किसानों को औसत उपज आंकड़ों के आधार पर नियमानुसार ‘क्लेम’ दिया जाएगा।
बैठक में गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार फसल खराब होने से प्रभावित किसानों के प्रति संवेदनशील है और उन्हें राहत देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए हैं।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष कई जिलों में असामान्य वर्षा से फसलों को लगातार नुकसान हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए गहलोत ने आगामी 10 दिवस के भीतर गिरदावरी करवाकर किसानों को राहत देने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि फसल खराब होने का आकलन कर प्रभावित किसानों को नियमानुसार मुआवजा देने के लिए गिरदावरी का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में फसलों की गिरदावरी अविलंब करवाकर फसलों के नुकसान की रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए, ताकि प्रभावित किसानों को तत्काल सहायता उपलब्ध करवाई जा सके।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में राज्य में घटित प्राकृतिक आपदाओं यथा बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, पाला एवं शीतलहर से प्रभावित 10.61 लाख पात्र काश्तकारों को राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के नियमों के अनुसार 968.48 करोड़ रुपये का कृषि अनुदान वितरित किया गया है।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2022-23 में रबी के फसल से जुड़े बीमा संबंधी दावों को लेकर 1895 करोड़ रुपये किसानों में वितरित किये जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 में रबी की फसल से जुड़े बीमा दावों से संबंधित लंबित राशि को किसानों में शीघ्र वितरित कराया जाए।
सियासी मीयार की रिपोर्ट
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