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भारत से खालिस्तानी अलगाववादी की मौत की जांच में कनाडा के साथ सहयोग करने का आग्रह किया: अमेरिकी अधिकारी..

भारत से खालिस्तानी अलगाववादी की मौत की जांच में कनाडा के साथ सहयोग करने का आग्रह किया: अमेरिकी अधिकारी..

वाशिंगटन, 03 अक्टूबर। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने कई मौकों पर भारत सरकार से खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत की जांच में कनाडा के साथ सहयोग करने का आग्रह किया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा ब्रिटिश कोलंबिया में जून में हुई हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ”संभावित” संलिप्तता के आरोप लगाए जाने के बाद से भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय संबंधों में तनाव आ गया है।

भारत ने इन आरोपों को ”बेतुका” और ”बेबुनियाद” बताते हुए खारिज कर दिया और इस मामले में एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित करने की ओटावा की कार्रवाई के बदले उसने भी अपने देश से एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया।

कनाडा में निज्जर की हत्या का मामला अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने पिछले सप्ताह विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के दौरान उठाया था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल के जवाब में कहा, ”उन्होंने तब भी स्पष्ट किया था और अब मैं इसे दोहरा रहा हूं कि हम इस मामले पर कनाडा में अपने सहयोगियों के साथ निकटता से समन्वय कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, ”हमने कई मौकों पर भारत सरकार से बातचीत में कनाडा की जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है। (अमेरिका के) विदेश मंत्री को शुक्रवार को अपने भारतीय समकक्ष के साथ अपनी बैठक में ऐसा करने का अवसर मिला।”

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत कनाडा के साथ सहयोग करने के लिए सहमत हो गया है, इस पर मिलर ने कहा कि इसका जवाब नयी दिल्ली को देना है।

उन्होंने कहा, ”मैं चाहता हूं कि भारत सरकार इस पर स्वयं अपनी बात रखे। मैं अमेरिका सरकार की ओर से बात करूंगा और हम सहयोग का आग्रह करते हैं।”

जयशंकर ने पिछले सप्ताह यहां पत्रकारों से कहा था कि भारत और कनाडा की सरकारों को एक-दूसरे से बात करनी होगी और देखना होगा कि वे इस मुद्दे पर अपने मतभेदों को कैसे सुलझाते हैं।

जयशंकर ने कहा, ”मुद्दा यह है कि कनाडाई लोगों ने कुछ आरोप लगाए हैं। हमने उन्हें बताया है कि यह भारत सरकार की नीति नहीं है, लेकिन अगर वे हमारे साथ विशिष्ट और कुछ भी प्रासंगिक सूचना साझा करने के लिए तैयार हैं, तो हम भी इस पर गौर करने के लिए तैयार हैं।”

सियासी मीयार की रिपोर्ट