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फॉरेंसिक अकाउंटिंग में बनाए करियर…

फॉरेंसिक अकाउंटिंग में बनाए करियर…

क्या है फॉरेंसिक अकाउंटिंग यह अकाउंटिंग की ही एक शाखा है, जिसमें कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों को सुलझाने के लिए अकाउंटिंग के सिद्धांतों के साथ आॅडिटिंग और जांच-पड़ताल के हुनर का इस्तेमाल किया जाता है। यह काम करने वाले पेशेवरों को फॉरेंसिक अकाउंटेंट कहा जाता है। वह अनुभवी आॅडिटर होते हैं और वित्तीय घपलों का पता लगाने के लिए किसी व्यावसायिक संस्थान (कंपनी, फर्म) के खातों (अकाउंट्स) पर निगरानी रखने का कार्य करते हैं। फॉरेंसिक अकाउंटिंग के लिए सबसे जरूरी होती है अकाउंटिंग की अच्छी जानकारी। इसके बाद आॅडिटिंग, रिस्क असेसमेंट और फ्रॉड डिटेक्शन (घपलों को पहचानना) आदि की व्यावहारिक समझ को इस पेशे में आवश्यक माना जाता है।

इस पेशे से जुड़े लोगों को अपने अकाउंटिंग, आॅडिटिंग और खोजबीन के हुनर से आर्थिक घोटालों से संबंधित साक्ष्यों का विश्लेषण करके उनका अर्थ निकालना होता है। किसी मामले की अदालती कार्यवाही में वह बतौर विशेषज्ञ गवाह के रूप में भी योगदान दे सकते हैं। किसी कानूनी विवाद में लिप्त लोगों या फर्मों के मामले में फॉरेंसिक अकाउंटेंट की मुख्य भूमिका संबंधित वित्तीय रिकोर्ड (दस्तावेज) की जांच और उनका विश्लेषण करना होता है। इस कार्य के दौरान वह उन सबूतों को भी जुटाते हैं, जो जांच एजेंसियों को कानूनी प्रक्रिया में मदद देते हैं। अपने पेशेवर जीवन में फॉरेंसिक अकाउंटेंट को अकाउंटेंट, डिटेक्टिव और लीगल एक्सपर्ट जैसी कई भूमिकाएं निभानी होती हैं। वह संदिग्ध लगने वाले वित्तीय दस्तावेजों की तलाश में रहते हैं, ताकि वह उन अपराधों का पर्दाफाश कर सकें, जिसमें कोई एक व्यक्ति या छोटे-बड़े व्यापारिक समूह संलिप्त हैं।

सियासी मियार की रिपोर्ट