कंपनियों के तिमाही नतीजों पर रहेगी बाजार की नजर.
मुंबई, 14 जनवरी। अमेरिका में जारी होने वाले महंगाई के आंकड़ों के इंतजार में विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर आईटी और टेक समूह में हुई जबरदस्त लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह आधे प्रतिशत से अधिक मजबूत रहे घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के आने वाले नतीजों का असर रहेगा।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस..
शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 542.3 अंक अर्थात 0.75 प्रतिशत की तेजी के साथ सप्ताहांत पर 72568.45 अंक हो गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 183.75 अंक यानी 0.85 प्रतिशत उछलकर 21894.55 अंक पर पहुंच गया।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज और मझौली कंपनियों से अधिक छोटी कंपनियों के शेयरों में लिवाली हुई। इससे मिडकैप 168.88 अंक अर्थात 0.45 प्रतिशत चढ़कर सप्ताहांत पर 37875.43 अंक और स्मॉलकैप 684.31 अंक यानी 1.6 प्रतिशत की छलांग लगाकर 44503.70 अंक रहा।
विश्लेषकों के अनुसार, आईटी सेक्टर की तीसरी तिमाही के उम्मीद से बेहतर नतीजों के साथ-साथ वित्त वर्ष 2025 में बीएफएसआई के लिए बेहतर आउटलुक के कारण आईटी सेक्टर में रिकवरी के हरे संकेत ने बीते सप्ताह घरेलू बाजार की भावनाओं को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया। अमेरिका में उम्मीद के अनुरूप महंगाई बढ़ने और रोजगार के मजबूत आंकड़ों को देखते हुए अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में कटौती की उम्मीद धूमिल हुई है। इससे वैश्विक बाजार की धारणा कमजोर हुई।
दूसरी ओर, लाल सागर क्षेत्र में संघर्ष और बढ़ने के कारण तेल की कीमतें बढ़ गई हैं। घरेलू स्तर पर दिसंबर में महंगाई अनुमान से थोड़ा कम जबकि औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में उम्मीद से अधिक गिरावट देखी गई। अगले सप्ताह निवेशकों की नजर कंपनियों के वित्त वर्ष 2023-24 की दिसंबर में समाप्त हुई तीसरी तिमाही के नतीजों पर रहेगी। कंपनियों की आय में बढ़ोतरी का समग्र पूर्वानुमान सकारात्मक बना हुआ है।
अगले सप्ताह उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ ही दिग्गज बैंकों आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, कोटक बैंक, फेडरल बैंक, महाराष्ट्र बैंक, सेंट्रल बैंक, यूनियन बैंक तथा एशियन पेंट, हिंदुस्तान यूनिलीवर और अल्ट्रासिमको के तिमाही नतीजे आने वाले हैं।
इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के रुख का भी बाज़ार पर असर रहेगा। एफपीआई के रुख को लेकर वित्तीय सलाह देने वाली कंपनी जीओजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी. के. विजयकुमार का कहना है कि दिसंबर 2023 के दौरान एफपीआई का निवेश प्रवाह की तेजी जनवरी 2024 की शुरुआत में धीमी पड़ गई। एनएसडीएल के आंकड़ों के मुताबिक, 13 जनवरी तक स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए कुल एफपीआई निवेश 2743 करोड़ रुपये रहा।
डॉ. विजयकुमार ने आगे बताया कि एफपीआई बीते दिसंबर में वित्तीय सेवाओं और आईटी में भी बड़े खरीददार रहे। उसने ऑटो, कैपिटल गुड्स, तेल एवं गैस और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में भी खरीददारी की। एफपीआई का यह रुख आगे भी जारी रहने की संभावना है। वर्ष 2024 में अमेरिकी ब्याज दरों में और गिरावट देखने की उम्मीद है इसलिए एफपीआई द्वारा 2024 में भी खासकर लोकसभा चुनाव से पहले निवेश बढ़ाये जाने की संभावना है।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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